Asthma in hindi :- अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो लंबे समय तक फेफड़ों को प्रभावित करती है। ऐसा कहा जाता है कि वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं।
अस्थमा एक सामान्य फेफड़ों की बीमारी है जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है। यह रोग युवा से लेकर वृद्ध तक सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि अस्थमा के लक्षणों को बचपन में ही देखा जा सकता है।
अगर हम अस्थमा के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज करें तो शायद ही यह अपना गंभीर रूप ले। इसलिए हमने यह asthma treatment in hindi का लेख लिखा है।
हमने नीचे इस लेख में बताया है कि अस्थमा क्या है? अस्थमा के प्रकार, अस्थमा के लक्षण और इससे जुड़े कुछ घरेलु उपचार। तो अंत तक हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
तो चलिए सबसे पहले जानते है अस्थमा क्या है इन हिंदी।
अस्थमा क्या है?
इंसान और जानवर, पेड़-पौधे आदि दोनों ही ऐसे प्राणी हैं जिन्हें जिंदा रहने के लिए सांस की जरूरत होती है। यदि उन दोनों को एक क्षण के लिए भी श्वास न मिले तो वे जीवित नहीं रह सकते, क्योंकि उनके जीवन का आधार श्वास है। और इसी तरह अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस स्थिति को अस्थमा कहा जाता है।
आसान भाषा में कहें तो फेफड़ों तक हवा न पहुंचने के कारण अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है तो उसे अस्थमा कहा जाता है।
इस बीमारी के तहत रोगी को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे – सांस लेने में कठिनाई, जोर-जोर से सांस लेना, खांसी इत्यादि।
इस बीमारी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा में रोगी को साँस छोड़ने में कठिनाई होती है, साँस छोड़ते समय उसे बल लगाना पड़ता है। इस रोग में कभी-कभी अचानक से सांस रुक जाती है और फिर दम घुटने लगता है। ऐसी बीमारी को अस्थमा या दमा कहा जाता है।
अस्थमा के प्रकार – types of asthma in hindi
अस्थमा निम्न प्रकार के होते हैं, वे इस प्रकार हैं –
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एलर्जिक अस्थम
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नॉन एलर्जिक अस्थम
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रिनियल अस्थम
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एलर्जिक अस्थम
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सिजनल अस्थम
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सिजनल अस्थम
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अकुपेशनल अस्थम
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अकुपेशनल अस्थम
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नॉन एलर्जिक अस्थमा
अस्थमा के लक्षण क्या है? – symptoms of asthma in hindi
आमतौर पर अस्थमा के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, खांसी आदि शामिल हैं। लेकिन कुछ मामलों में उन्हें पता भी नहीं चलता है कि वे अस्थमा से पीड़ित हैं। क्योंकि उनमे ये dama ke lakshan नजर नहीं आते है।
हमने नीचे अस्थमा के लक्षण बताएं है उन्हें पढ़ना न भूलें।
तो चलिए जानते है अस्थमा के लक्षण – asthma ke symptoms in hindi
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लगातार खाँसी आना
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सांस लेते समय सीटी की आवाज आना
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सीने में जकड़न और भारीपन लगना
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सांस लेने में कठिनाई
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साँस फूलना है अस्थमा के लक्षण
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खासते समय कठिनाई होना और मलगम न निकलना
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बेचैनी और घबराहट होना
अस्थमा रोग के अन्य लक्षण
क्षुद्र श्वांस
ये रोग रूखे पदार्थो का अधिक सेवन करने से होता है और अधिक परिश्रम करने से भी होता है। जब वायु ऊपर की ओर उठती है तब ये बीमारी उत्पन्न होती है इसमें वायु कुपित होती है, लेकिन इसमें अधिक कष्ट नहीं होता है और कभी कभी ये खुद ही ठीक हो जाती है।
श्वांस
इसमें सांस ऊपर और अटकी हुई महसूस होती है, ऐसा लगता है जैसे ऊपर से हवा ही नहीं मिल पा रही हो, इसमें खासी भी हो जाती है। जिसको ज्यादा परेशानी होती है उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होती है।
उध्र्व श्वांस
ऊपर साँस को लेने में कोई तकलीफ न होना और नीचे की और साँस को भेजने में तकलीफ का होना, श्वासनली में कफ का जम जाना और द्रष्टि ऊपर की और ज्यादा रहना, घबराहट होना, हमेशा ही इधर उधर देखना और नीचे की और साँस को भेजने में बेहोशी महसूस होना ये सभी अस्थमा रोग के लक्षण है।
तमक श्वांस
इस रोग के लक्षण भय, भ्रम, परेशानी और बोलने में कठिनाई, नींद न आना, सिरदर्द, मुंह सूखना और चेतना की हानि हैं।
छिन्न श्वांस
इस रोग में रोगी को ठीक से सांस लेने में कठिनाई, रुक-रुक कर सांस लेना, पेट फूल जाना, पसीना अधिक मात्रा में आना,आँखों में पानी रहना, ये सभी asthma ke lakshan है। इस रोग में आँख और चेहरा सामान्य रूप से लाल हो जाता है, चेहरा शुष्क हो जाता है।
अस्थमा के कारण – causes of asthma in hindi
विशेषज्ञों का कहना है कि asthma rog के लिए जिम्मेदार कोई एक कारण नहीं है, बल्कि कई ऐसे कारण हैं जो asthma bimari होने में अपनी भूमिका निभाते हैं।
कुछ ऐसे ही कारण हम लेकर आये तो उन्हें पढ़ना न भूलें।
तो चलिए जानते है अस्थमा होने के कारण।
धूम्रपान करना
यह बीमारी फेफड़ो से संबंधित बीमारी है, इसी कारण जिन लोगों को धूम्रपान करने की आदत है, उन्हें यह बीमारी जल्दी होती है।
बढ़ता मोटापा
ऐसा माना जाता है कि मोटापा अपने साथ कई सारी बिमारियों को लेकर आता है उनमे से मोटापा भी है। ऐसा देखा गया है कि कई मामलो में दमा की बीमारी में मोटापा भी शामिल है।
प्रदूषित वायु
प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है।
अस्थमा होने के अन्य कारण
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यह एक एलर्जी और जटिल बीमारी है, इस बीमारी का मुख्य कारण श्वसन तंत्र में धूल के कणों का जमा होना या श्वसन तंत्र में ठंड लगना है।
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यह रोग शरीर में अन्दर से जलन करने वाले पदर्थो के सेवन से, बहुत देर से हजम होने वाले पदार्थो के सेवन से, दस्त रोकने वाले पदार्थो के सेवन आदि।
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ज्यादातर ठंडे पदार्थों के सेवन से या अधिक ठंडा पानी पीने से भी होता है, यदि आप अधिक हवा में रहना पसंद करते हैं तो इसे कम करें क्योंकि यह अत्यधिक हवा के संपर्क में आने से भी होता है। और यह रोग भारी परिश्रम, भारी सामान उठाने से भी होता है।
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यह लंबे समय तक रखे दूषित और बासी खाद्य पदार्थों के सेवन से भी होता है।
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यह बीमारी एलर्जी की तरह होती है, अगर एक को हो जाए तो दूसरे को भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि माता या पिता में से किसी एक को यह रोग है, तो यह उनके बच्चों को भी हो सकता है।
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बरसात के दिनों में वातावरण में नमी अधिक होती है जिससे इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है। और जिन लोगों को यह रोग होता है उन्हें भी इन दिनों काफी परेशानी होती है और अस्थमा अटैक का भी डर रहता है।
अस्थमा में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
अस्थमा रोग में क्या खाना चाहिए?
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रोगी को प्रतिदिन सुबह-शाम बकरी का दूध पीना चाहिए
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विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेव
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रोगी को धूप के पास छाया में बैठना चाहिए
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शहद और दालचीनी का सेव
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तुलसी का सेवन करना चाहिए
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सेब का सेवन करना चाहिए
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कॉफी या ग्रीन ट
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रोगी को सुबह उठकर प्रतिदिन सूर्य की किरणों के नीचे बैठना चाहिए
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रोगी को अधिक ठंडी और गर्म चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
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पचने योग्य भोजन करना चाहिए
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भोजन में गेहूं की रोटी, लफ्फा, करेला, मेथी आदि का सेवन करना चाहिए।
अस्थमा रोग में क्या नहीं खाना चाहिए?
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इस रोग के रोगी को भर पेट भोजन नहीं करना चाहिए
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रोगी को ठंडी चीजें जैसे दूध, दही, केला, संतरा, सेब, अनार, नाशपाती, खट्टी चीजें आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
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शराब, बीडी-सिगरेट आदि का सेवन रोगी के लिए हानिकारक होता है
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रोगी को सूखे, भारी और ठंडे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
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सरसों, भेड़ का घी, मछली, दही, खटास, लाल मिर्च,आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
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अस्थमा का घरेलू इलाज – home treatment for asthma in hindi
विशेषज्ञों के अनुसार कई ऐसे घरेलु उपाय है जिनके इस्तेमाल से आप घर पर ही asthma ka ilaj कर सकते है। अगर समय रहते dame ke lakshan को पहचान कर इसका घरेलु इलाज नहीं किया तो यह अपना गंभीर रूप भी ले सकता है। इसीलिए तो हमने यह asthma treatment in hindi at homeका लेख लिखा है।
बिना समय बर्बाद किये आइये जानते है अस्थमा का इलाज – home remedies for asthma in hindi
अस्थमा की समस्या में राहत दिलाता है मेथी के दाने
अस्थमा से पीड़ित लोगों को सबसे पहले एक लीटर पानी में दो बड़े चम्मच मेथी दाना डालकर आधे घंटे तक उबालें, इसके बाद इसे छान लें, फिर एक छलनी में दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट डालकर उस रस को मेथी के पानी में डाल दें।
उसके बाद इस मिश्रण में एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर अच्छी तरह मिला लें, दमा के रोगी को प्रतिदिन सुबह इस मिश्रण को पीने से दमा ठीक हो जाता है।
अस्थमा के इलाज में फायदेमंद है आंवला पाउडर
एक कटोरी में दो छोटे चम्मच आंवला पाउडर लें और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह मिला लें, इस मिश्रण का रोजाना सुबह सेवन करें।
दमा के इलाज में लाभकारी है सरसों का तेल
सरसों के तेल में आवश्यकतानुसार कपूर डालकर अच्छी तरह गर्म करके एक प्याले में निकाल लीजिए, फिर मिश्रण के थोड़ा ठंडा होने पर इसे छाती और पीठ में मालिश करें। इस तेल से दिन में कई बार मालिश करने से अस्थमा के लक्षणों से कुछ राहत मिलती है।
अदरक के सेवन से करें अस्थमा का उपचार
एक कटोरी में एक चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद मिलाकर अच्छी तरह मिला लें, इसके बाद इस मिश्रण का एक चम्मच दिन में चार से पांच बार सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
अर्जुन की छाल है अस्थमा में फायदेमंद – asthma ka ilaaj
एक छोटा चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण गाय के दूध या पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न हो जाए। और इसे रोज रात को सोते समय पिएं, इसमें एक चुटकी दाल चीनी भी मिलाएं।
कॉफी से पाएं अस्थमा में लाभ
गर्म कॉफी पीने से दमा के रोगियों को भी राहत मिलती है, क्योंकि यह वायुमार्ग को साफ करती है और सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाती है।
इलायची है फायदेमंद अस्थमा बीमारी के लिए
बड़ी इलायची कफ शमन गुणों से भरपूर होती है जो शरीर में कफ की मात्रा को कम करने में मदद करती है। शरीर से कफ की मात्रा कम होने पर अस्थमा के लक्षण अपने आप ही कम हो जाते हैं। इसलिए विशेषज्ञों के अनुसार अस्थमा में बड़ी इलायची का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है।
अस्थमा के इलाज में फायदेमंद है लहसुन – Asthma in hindi
लहसुन फेफड़ों के कंजेस्चन को कम करने में बहुत मदद करता है। लहसुन के दस-पंद्रह टुकड़ों को दूध में डालकर कुछ देर उबालें, फिर एक गिलास में डालकर दूध को गुनगुना पीने की कोशिश करें, लेकिन इस दूध का सेवन दिन में एक बार ही करना चाहिए।
अस्थमा का आयुर्वेदिक उपचार – asthma treatment in ayurveda in hindi
सुहागा (Suhaga)
सुहागा को भूनकर 75 ग्राम और 100 ग्राम शहद में मिलाकर 1 चम्मच रोज रात को सोने से पहले खाएं, इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
मुलेठी और शहद दोनों को अलग-अलग पीसकर बारीक चूर्ण बना लें, दोनों को बराबर मात्रा में लेकर कांच की शीशी में भरकर रख लें। और फिर इस चूर्ण को दिन में दो से तीन बार शहद के साथ खाएं या फिर आप इसे गर्म पानी के साथ भी खा सकते हैं।
अपामार्ग (चिरचिटा)
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अपामार्ग का रस आधा मिलीलीटर और शहद चार चम्मच पानी में मिलाकर खाने के बाद सेवन करने से, गले और फेफड़ों में जमा कफ दूर हो जाता है।
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इसकी सूखी जड़ को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसकी आधा ग्राम रोजाना शहद के साथ खाएं।
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अपामार्ग के बीजों को जलाकर चिलम में भरकर पीने से इस रोग में लाभ होता है।
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इसके रस का थोड़ा सा भाग पान में डालकर या शहद के साथ खाने से छाती में जमा कफ निकल जाता है।
अदरक (ginger)
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एक ग्राम अदरक का रस एक चम्मच रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से दमा रोग ठीक हो जाता है।
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अदरक के रस को शहद में मिलाकर खाने से हर प्रकार का दमा ठीक होता है साथ ही खांसी, जुकाम भी ठीक हो जाता है।
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अदरक के रस में कस्तूरी मिलाकर सेवन करना चाहिए।
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एक ग्राम जस्ते की राख के एक चौथाई भाग में छह ग्राम अदरक का रस और छह ग्राम शहद मिलाकर पीने से दमा की खांसी दूर होती है।
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अदरक का रस और शहद एक साथ लेने से वृद्धावस्था में दमा ठीक हो जाता है।
नींबू (Lemon)
दस मिलीलीटर नींबू का रस और पांच मिलीलीटर अदरक का रस गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से यह रोग नष्ट हो जाता है।
एक नींबू का रस और दो चम्मच शहद और एक चम्मच अदरक का रस साथ ही एक कप पानी में मिलाकर पीने से इस रोग से शीघ्र ही आराम मिलता है।
लहसुन (garlic)
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10 ग्राम लहसुन का रस रोजाना हल्के गर्म पानी के साथ लेने से सांस की समस्या दूर होती है।
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लहसुन को आग में भूनकर एक चूर्ण बनाएं, फिर उसमें सोमलता, कूट बहेड़ा और अर्जुन के छल का चूर्ण बनाकर मिलाएं और रोजाना एक चम्मच लें और दिन में तीन बार इसका सेवन करें।
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लहसुन, तुलसी के पत्ते और गुड़ की चटनी बनाकर रोजाना इसका सेवन करें।
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इसकी कलियों को आग में भूनकर सेंधा नमक के साथ खाने से अस्थमा के दौरे में आराम मिलता है।
प्याज (onion)
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प्याज का रस, अदरक का रस, तुलसी के पत्तों का रस और तीन ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
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सफेद प्याज के रस और शहद को बराबर मात्रा में लेने से दमा ठीक हो जाता है
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पिसे हुए प्याज को सूंघने से खांसी और गले की खराश में आराम मिलता है।
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प्याज के काढ़े का रोजाना सुबह सेवन करने से आराम मिलता है।
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अस्थमा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
एलर्जी अस्थमा क्या है?
एलर्जी अस्थमा एलर्जी के कारण होने वाला अस्थमा है। इसे एलर्जी से प्रेरित अस्थमा भी कहा जाता है। यह आपकी नाक के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करता है जिससे अंदर की सूजन हो जाती है। यह आपके आस-पास की मांसपेशियों को कसता है जिससे वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। यह समय के साथ गाढ़े बलगम से भर जाता है।
अस्थमा क्यों होता है?
साधारण तौर परआपके द्वारा ली जाने वाली हवा आपकी नाक या मुंह से आपके गले तक जाती है, फिर साँस की नली से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचती है। फिर आपके फेफड़ों में बहुत सारी श्वास नलिकाएं होती हैं जो ऑक्सीजन को आपके खून में ले जाने में मदद करती है।
अस्थमा रोग तब होता है जब ये श्वास नलिका सूज जाती है और उनके आसपास की मांसपेशियां टाइट हो जाती है। टाइट होने के कारण यह मलगम से भर जाता है, जिससे वहां से गुजरने वाली हवा की मात्रा कम हो जाती है, जो की अस्थमा अटैक का कारण बनता है।
अस्थमा का पता कैसे चलता है?
यदि आपको खांसते समय कठिनाई, बार-बार खांसी आना, सीने में जकड़न, भारीपन लगना, साँस फूलना, बेचैनी और घबराहट है तो समझ लें कि आपको अस्थमा है।
दमा और अस्थमा में क्या फर्क है?
दमा या अस्थमा एक ही हैं। जब अस्थमा होता है, तो यह फेफड़ों में छोटे वायु मार्ग को प्रभावित करता है और यह किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है। अधिक जानने के लिए ऊपर दिए गए लेख को पढ़ें।
अस्थमा किसकी कमी से होता है?
देखिए, अस्थमा वायुमार्ग की सूजन के कारण होता है। इसमें फेफड़ों तक उचित मात्रा में हवा नहीं पहुंच पाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है जिससे अस्थमा हो जाता है।
अस्थमा कैसे ठीक होता है?
अस्थमा को ठीक करने के लिए आप अस्थमा के मरीजों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ दे सकते हैं। इसके अलावा आप खाने में गेहूं की रोटी, लफ्फा, करेला, मेथी आदि दे सकते हैं। अधिक जानने के लिए हमारे लेख को पढ़ें।
क्या अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो लंबे समय तक फेफड़ों को प्रभावित करती है। कहा जाता है कि फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
अस्थमा में सांस लेने की समस्या सुबह से शाम तक ही आती है, आज अस्थमा की बीमारी के शिकार पुरुष ही नहीं महिलाएं भी हैं बल्कि बच्चे भी हैं, यह रोग धुएं, धूल, मिट्टी, दूषित गैस आदि में सांस लेने से होता है। यह शरीर के अंदर जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए हमें प्रदूषित वातावरण में ज्यादा नहीं रहना चाहिए, जितना हो सके दूषित वातावरण से दूर रहना चाहिए।
आशा करता हूँ की अब आप meaning of asthma in hindi जान गए होंगे। अगर यह asthma bimari किसी को हो जाये तो उसे हमारे बताएं गए इलाज पर ध्यान देना चाहिए
अगर आपको asthma symptoms and treatment in hindi के लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं।
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