Symptoms of heart blockage in hindi :- हार्ट ब्लॉकेज एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। भारत में, इस बीमारी को बहुत अधिक लोगों में देखा जाता है। हार्ट ब्लॉक्स दिल की धड़कन से संबंधित एक समस्या है। ये बीमारी न केवल बड़े-बूढ़े बल्कि कभी-कभी छोटे बच्चों में भी देखने को मिलती है।
कुछ लोगों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है। हार्ट ब्लॉकेज एक हार्ट अटैक है जिसमें हृदय के कुछ हिस्सों में रक्त के संचार में रुकावट आती है। और हृदय की कोशिकाएं मर जाती हैं।
हमारे शरीर के सभी हिस्सों का सबसे अमूल्य हिस्सा दिल है। जो आपके काम में 24 घंटे लगा रहता हैं। लेकिन हमारी खराब जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण, हार्ट ब्लॉकेज काफी आम समस्या बनती हुई नज़र आ रही हैं।
हम एक सुखद जीवन जीने के इतने आदी हो चुके हैं कि हम अपने शरीर पर ध्यान ही नहीं देते और इसे बीमारियों का घर बना लेते हैं। कुछ ऐसे ही heart blockage की समस्या है जिसमे दिल की धड़कन रुक-रुक कर चलती है। यही कारण है की हम इस लेख में हार्ट ब्लॉकेज क्या है, हार्ट ब्लॉकेज के कारण, हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और इससे जुड़े कुछ घरेलू उपचार के बारे में बताएँगे तो कृपा हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
तो चलिए सबसे पहले जानते है हार्ट ब्लॉकेज क्या होता है? – heart blockage kyon hota hai
हार्ट ब्लॉकेज क्या है? – What is Heart Blockage in Hindi
आजकल के रहन-सहन और खान-पान की वजह से अधिकांश लोगों में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या देखने को मिलती है। यह समस्या ज्यादातर लोगो में जन्मजात भी होती है और बाद में भी हो जाती है।
जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज को Congenital heart blockage और बाद में हुई हार्ट ब्लॉकेज को acquired heart blockage कहते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या इलेक्ट्रिकल संकेतों से होती है। यह इलेक्ट्रिकल सिग्नल दिल के धड़कने की वजह से बनते हैं जो ह्रदय की गति को नियंत्रित करने में मदद करते है।
यह समस्या तब उत्पन होती है जब ऊपरी भाग के इलेक्ट्रिकल सिग्नल निचले भाग के इलेक्ट्रिकल सिग्नल तक ठीक से नहीं पहुंच पाते हैं। इसी वजह से हार्ट ब्लॉकेज होता है।
हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार – Types of Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, यह कुछ इस प्रकार है –
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सिनोअट्रियल नोड ब्लॉक
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एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक
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बंडल ब्रांचेज ब्लॉक
हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? – heart blockage kyon hota hai
लेकिन हार्ट ब्लॉकेज एक ऐसी समस्या है जिससे इंसान की नब्ज सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती है। इस दौरान दिल की धड़कन रुक-रुक कर चलती हैं। लेकिन ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है क्योंकि ये heart blockage treatment आम है।
कुछ लोगों में यह समस्या जन्म से ही शुरू हो जाती है। जबकि कुछ लोगो में यह बड़े होने पर होती है, अगर heart blockage ka ilaj समय रहते न कराया गया तो इससे इंसान की मौत भी हो सकती है।
इसीलिए तो हमने उन लोगो के लिए यह natural way to remove heart blockage in hindi का लेख लिखा है।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण – symptoms of heart blockage in hindi
हार्ट ब्लॉकेज डिग्री पर अपने लक्षण दिखाता है। अगर आपको हार्ट ब्लॉकेज का पहला चरण है। तो कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आएंगे। लेकिन अगर आपको सेकंड स्टेज या थर्ड डिग्री का हार्ट ब्लॉकेज है फिर आपको हार्ट ब्लॉकेज में लक्षण नजर आने लगेंगे।
वह heart blockage ke lakshan इस प्रकार है।
चूँकि हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण कि बात करें तो इन्हे बहुत easily identify किया जा सकता है, जो कि आप के लिए बहुत ही जरूरी है। क्योंकि उन्हें जानकर आप सतर्क हो सकते हैं और हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों को जानकर आप किसी और की भी मदद कर सकते हैं।
तो चलिए जानते है हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण – heart blockage ke lakshan in hindi
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आपका दिल रुक-रुक कर धड़कता है, निश्चित समय अंतराल पर नहीं
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चक्कर आना या बेहोश होना
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हमेशा सिर में दर्द की शिकायत रहती है
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थोड़े काम के बाद ही थकान महसूस होना
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सांस की तकलीफ और सीने में दर्द
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हार्ट ब्लॉकेज के अन्य लक्षण – heart blockage symptoms in hindi
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पहला लक्षण यह है कि रोगी के शरीर और छाती में तेज दर्द होता है और इस दर्द के कारण उसकी सांस भी फूलने लगती है। और अगर कोई व्यक्ति हार्ट ब्लॉकेज से पीड़ित है तो उसे कोई भी छोटा काम करने में काफी परेशानी होती है और वह बहुत जल्दी थक जाता है।
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अन्य बहुत ही मामूली लक्षण हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। जैसे – सिरदर्द, चक्कर आना या अचानक बेहोशी, हृदय में रुकावट या रुकावट प्लाक, प्लाक, कोलेस्ट्रॉल, वसा, फाइबर ऊतक और श्वेत रक्त कोशिकाओं के मिश्रण के कारण।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण – heart blockage reason in hindi
हार्ट ब्लॉकेज या दिल की धड़कनों में रूकावट प्लॉक के कारण होती हैं। प्लॉक्स, कोलेस्ट्रॉल, फैट, फाइबर टिश्यू और श्वेत रक्त कोशिकाओं का मिश्रण होता हैं, जो थोड़े-थोड़े समय के बाद नसों में चिपकने लगता है।
अगर यह प्लॉक हार्ड होगा तो इसे आसान भाषा में स्टेबल प्लॉक कहा जाता है और यदि यह प्लॉक नर्म व मुलायम होगा तो इस अनस्टेबल प्लॉक कहा जाता हैं।
स्टेबल प्लॉक (Stable Plaque)
स्टेबल प्लॉक से रूकावट की मात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ता है। और न ही यह गंभीर दिल के दौरे का कारण बनता है। इस प्रकार का ब्लॉक धीरे-धीरे बढ़ता है, ऐसे में रक्त प्रवाह को नई आर्टरीज (artries) का रास्ता ढूंढने का मौका मिल जाता हैं।
ये वाहिकाएँ, जिन्हें collateral vessels कहा जाता है, अवरुद्ध धमनियों को बायपास करती हैं और हृदय की मांसपेशियों को आवश्यक रक्त और ऑक्सीजन पहुँचाती हैं।
अनस्टेबल प्लॉक (Unstable Plaque)
एक अस्थायी ब्लॉक में, जब ब्लॉक टूट जाता है, तो एक खतरनाक थक्का बन जाता है। और कोलेटरल को विकसित होने के लिए पूरा समय नहीं मिलता है। जिससे व्यक्ति की मांसपेशियां गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। और वह कभी-कभी अचानक कार्डियक डेथ का शिकार हो जाता है।
इस तरह के दोनों ब्लॉक बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि ये सीधे दिल पर हमला करते हैं, जिससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। दोनों प्रकार के प्लवक के बारे में कुछ खास बात है जो रोगी के लिए बहुत फायदेमंद है।
हार्ट ब्लॉकेज के अन्य कारण – Other causes of heart blockage
- जन्मजात हृदय बीमारी या हार्ट ब्लॉकेज
- दवाओं के दुष्प्रभाव
- दिल की बीमारी
- दिल की सर्जरी
- संक्रमण से
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हार्ट ब्लॉकेज के आसान घरेलू उपाय – how to remove heart blockage naturally in hindi
आप घर पर ही हार्ट ब्लॉकेज खोलने के उपाय (heart blockage treatment in hindi) को कर सकतें है। हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे ही heart blockage kholne ke gharelu upay बताएं गए है उन्हें पढ़कर आप आसानी से ब्लॉकेज खोल सकते है।
तो चलिए जानते है हार्ट ब्लॉकेज का इलाज – heart blockage treatment in ayurveda in hindi
तुलसी और नींबू से हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के उपाय
क्या आप तुलसी के बारे में जानते हैं? तुलसी एक औषधीय पौधा भी है और यह तुलसी का पौधा बहुत शक्तिशाली होता है। यह सभी रोगों में उपयोगी है। 25 – 30 तुलसी के पत्तों का रस निकाल लें।
और एक नींबू, थोड़ा सा शहद लेकर इन सबको अच्छी तरह मिला लें। फिर इस मिश्रण को पानी के साथ चाटते रहे, आप देखेंगे की थोड़े समय बाद ब्लॉकेज अपने आप खुलनी शुरू हो जाती है।
पीपल के पत्ते से करें हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के उपाय
आप पीपल के लगभग 15 से 20 हरे मुलायम और विकसित पत्ते लें। और उनके नीचे और ऊपर के हिस्से को काट लें। अब पत्ते के बचे हुए हिस्सों को साफ कर लें। अब एक गिलास पानी लें। और इसमें सभी पत्ते डालकर धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दें।
जब आप उबाल को उबालते हैं, तो यह 1/3 रह जाता है, फिर आप इसे आंच से उतार लें और इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। इस तरह पानी को छानकर काढ़ा तैयार किया जाता है। अब तैयार काढ़े को तीन बराबर भागों में बांट लें। अगले दिन सुबह आप पहले भाग को खाली पेट पियें।
आप अगले दो भागों को 3 से 3 घंटे के अंतराल पर लें। इस तरह आपका दिल स्वस्थ हो जाता है। एक व्यक्ति जिसे पहले दिल का दौरा पड़ा हो। इस काढ़े को पीने के बाद दोबारा दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी खत्म हो जाती है।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों से राहत पाने के लिए करें लहसुन का प्रयोग
लहसुन को आयुर्वेद में शामिल किया गया है। लहसुन खाने के कुछ फायदे हैं। लहसुन कई बीमारियों में फायदेमंद होता है। एक कप दूध में लहसुन की तीन से चार कलियां डालकर उबाल लें। और इस दूध को नियमित रूप से पियें, आपको लाभ होगा।
इलायची से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या का इलाज
इलायची हमारे घर में पाई जाती है। और इलायची का आयुर्वेद की दुनिया में विशेष स्थान है। मोटापा कम करने के लिए भी इलायची बहुत फायदेमंद होती है। इसमें अम्लीय गुण होते हैं जो हार्ट की ब्लॉकेज को खोलने में मदद करती है।
ilaychi तंत्रिका, कोशिकाओं, धमनियों को सुचारू करने में सक्षम है। इसलिए आपको अपने खाने में इलायची का इस्तेमाल करना चाहिए। इलायची के गुणों के कारण इसे मसालों की रानी भी कहा जाता है।
दालचीनी से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने के लिए उपाय
दालचीनी में ऑक्सीकारक गुण होते हैं। जो काफी हद तक फायदेमंद हैं। दालचीनी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दालचीनी शरीर के कई रोगों में लाभ देती है।
आप दालचीनी का सेवन करने के लिए दालचीनी को पीसकर इस लें या फिर इसे जूस में डालकर पियें। यह आपको हार्ट ब्लॉकेज को रोकने में मदद करता है।
अर्जुन की छाल से हार्ट ब्लॉकेज का देसी इलाज – heart blockage ka desi ilaj
एक गिलास पानी में दो चम्मच अर्जुन की छाल डालकर गर्म करें, जब पानी आधा गिलास रह जाए तो इसे छानकर पूरी तरह से ठंडा होने के लिए छोड़ दें। और सुबह-शाम खाली पेट पिएं। हार्ट ब्लॉकेज, कोलेस्ट्रॉल और यूरिक एसिड के लिए यह प्रयोग बहुत फायदेमंद है।
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के इलाज के लिए ग्रीन टी का सेवन
आजकल ग्रीन टी का क्रेज नॉर्मल टी से ज्यादा है। लोग आजकल सामान्य चाय से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन कर रहे हैं। और क्यों न करें, इसके फायदे भी अनेक हैं, जिसे देखकर लोग ग्रीन टी का सेवन करते हैं। इसे पीने से शरीर की कोशिकाओं और धमनियों में ऊर्जा और रक्त का संचार अच्छा होता है।
लौकी के जूस से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज
लौकी सभी सब्जियों में सबसे ज्यादा पौष्टिक होती है, इसका एक गिलास जूस नियमित रूप से पिएं या आप चाहें तो कच्चे लौकी का भी सेवन कर सकते हैं।
इस जूस को आप रोजाना 200 से 300 ml पिएं, इससे ज्यादा न लें और न ही कम। लौकी का जूस पीने का यह सही समय है आप इसे कभी भी नहीं पी सकते। सुबह शौच के बाद लौकी का जूस पिएं।
या फिर आप इसे नाश्ते के आधे घंटे बाद भी पी सकते हैं। लौकी के जूस में आप पुदीने या तुलसी के 7 से 10 पत्ते भी डालकर पी सकते हैं। इसके अलावा काला नमक भी मिला सकते हैं। लौकी के जूस में बाजार में बिकने वाला आयोडीन नमक न मिलाएं।
हार्ट ब्लॉकेज होने पर खाने में क्या खाएं – heart blockage hone par kya khayen
अनाज में: गेहूं, जई, ब्राउन राइस, गेहूं के बीज और मक्का का सेवन करना चाहिए।
सब्जियों में: गाजर फलियां, शकरकंद, टमाटर, कद्दू, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी, लौकी, शतावरी, मशरूम, शिमला मिर्च, चुकंदर, लहसुन और प्याज खाना चाहिए।
फलों में: सेब, केला, स्ट्रॉबेरी, जामुन, संतरा, खरबूजा, तरबूज, अनार, अंगूर, नाशपाती, पपीता, कीवी, आड़ू, खुबानी, चेरी, अनानास, लीची, अमरूद और आम खाएं।
हार्ट ब्लॉकेज होने पर खाने में क्या ना खाएं –
मांसाहारी, मद्यपान, धूम्रपान, तंबाकू, कॉफी, हृदय रोग में नशीला पदार्थ, अत्यधिक नमक, घी, तेल, मसालेदार मसालेदार तला-भुना समृद्ध खाद्य पदार्थ, आधुनिक फास्ट फूड (नूडल्स, पिज्जा, बर्गर इत्यादि) और जंक फूड-चॉकलेट केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम आदि का सेवन न करें।
कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का प्रमुख कारण है। उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ, जैसे मक्खन, घी, मांस, अंडे की जर्दी, नारियल का तेल, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, आदि। खाद्य संरक्षक, दूध उत्पाद जैसे खोया या मावा, रबड़ी, मलाई, श्रीखंड आदि की मिठाई नहीं लेनी चाहिए।
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निष्कर्ष – Conclusion
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं। बहुत ज्यादा धूम्रपान न करें, भले ही कोई और धूम्रपान कर रहा हो, अपनी रक्षा करें, हृदय को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक व्यायाम को शामिल करना बहुत जरूरी है।
समय पर खाना खाएं, ऐसा खाना खाएं, जिससे दिल को फायदा हो और दिल को स्वस्थ रखने के लिए शरीर का वजन नियंत्रित हो, रोजाना व्यायाम से आप आधा घंटा टहलें और हो सके तो लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
आशा करता हूँ की अब आप heart blockage home remedies in hindi जान गए होंगे। अगर यह हार्ट ब्लॉकेज किसी को हो जाये तो उसे हमारे बताएं गए इलाज पर ध्यान देना चाहिए
अगर आपको treatment for heart blockage in hindi के लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं।
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