nadi shodhan pranayam in hindi:- यह प्राणायाम अन्य प्राणायाम की भांति ही बहुत ही आसान और सरल है। मानव शरीर की नाड़ियां अर्थात स्नायुमंडल की शुद्धि के लिए यह प्राणायाम किया जाता है।
मानव शरीर की नाड़ी शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत है जो कई कारणों से बंद हो जाती है, नाड़ी शोधन प्राणायाम इस अवरोध को खोलने में मदद करता है, इसे खोलने के साथ-साथ ऊर्जा प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद करता है।
यह प्रक्रिया हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखती है और मन को भी शांत करती है।
इसके अलावा यह क्रोध, चिंता, तनाव, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन आदि रोगों से भी राहत देता है।
इस प्राणायाम के इतने फायदे को देखते हुए आज हमने nadi shodhana pranayama in hindi का यह लेख लिखा है।
साथ ही हम इस लेख में बताएंगे कि नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे किया जाता है? नाड़ी शुद्धि प्राणायाम क्या है? नाड़ी शोधन प्राणायाम विधि और नाड़ी शोधन प्राणायाम के फायदे क्या है?
आइए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं कि नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे करें – नाड़ी शोधन क्या है – Nadi Shodhan kya Hai
नाड़ी शोधन प्राणायाम क्या है – What is Nadi Shodhan Pranayam in Hindi
Nadi Shodhan Pranayam तीन शब्दों से मिलकर बना है नाड़ी + शोधन + प्राणायाम।
नाड़ी शब्द का अर्थ होता है “शक्ति का प्रवाह”, शोधन शब्द का अर्थ होता है “शुद्ध करना” और प्राणायाम का अर्थ होता है “सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया”
इन तीनों शब्दों से मिलकर बनता है Nadi Shodhan Pranayam
यह वह प्राणायाम है जो नाड़ियां की शुद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। यह प्राणायाम प्रभावी रूप से मस्तिष्क, शरीर और भावनाओं पर काबू पाने का सफल तरीका है।
आगे इस लेख में नाड़ी शोधन प्राणायाम विधि, नाड़ी शोधन प्राणायाम के फायदे और नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखना ना भूलें।
नाड़ी शोधन प्राणायाम विधि – How to do Nadi Shodhan Pranayam in Hindi
यह प्राणायाम हमारे शरीर के लिए बहुत प्रभावी है। यह शरीर से कई विकारों को दूर करने में भी मदद करता है और सकारात्मक शरीर का चुनाव करता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम करने का तरीका बहुत आसान है, आप इसे कहीं शांत जगह पर बैठकर आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं नाड़ी शोधन प्राणायाम करने की विधि – Nadi Shodhan Pranayam karne ki Vidhi
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सबसे पहले आप किसी शांत मुद्रा में बैठे, आप चाहे तो पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ सकते हैं।
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अब अपने बाएं (Left) हाथ को बाएं घुटने पर रखें और दाहिने (Right) हाथ की मध्यमा (Middle) और पहली उंगली को माथे पर रखें, जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है।
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दोनों अंगुलियों को आराम से माथे पर रखें, ज्यादा दबाव न डालें।
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अब अंगूठे को दायीं (Right) नासिका पर और रिंग फिंगर को बायीं (Left) नासिका पर रखें।
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नाक खोलने या बंद करने के लिए अंगूठे और रिंग फिंगर का प्रयोग करें।
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उदाहरण के लिए, दाहिने (Right) नथुने पर अंगूठे से दबाएं और बाएं (Left) नथुने से धीरे-धीरे सांस लें।
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जब सांस फेफड़ों में भर जाए, तब बाएं (Left) नथुने को दबाएं और दाहिने (Right) नथुने से साँस को छोड़े।
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बारी बारी दोनों नथुने से श्वास लें और छोड़े।
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अपनी आंखें बंद रखें और अनावश्यक जोर न लगाए।
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इसी व्यायाम को लगभग 25 से 30 मिनट तक रोजाना अभ्यास करें।
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नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए वीडियो – Nadi Shodhan Pranayam Video in Hindi
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नाड़ी शोधन प्राणायाम के फायदे – Nadi Shodhan Pranayama Benefits in Hindi
इस प्राणायाम को सभी प्राणायामों में सबसे विशिष्ट माना जाता है। क्योंकि इसके फायदे बहुत हैं, हमने nadi shodhan pranayam ke fayde का यह लेख इसके फ़ायदों को देखकर ही लिखा है।
इस प्राणायाम के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जो आप इसे रोजाना करने से ही जान पाएंगे। अगर आप इसके फायदों के बारे में जान जाएँ, तो शायद यह आपके लिए वरदान सा साबित होगा।
तो बिना किसी देरी के हम आपको बताते है कि Nadi Shodhan ke Fayde in Hindi
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यह प्राणायाम मन को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
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इससे नाड़ियों की शुद्धि होती है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का संचार सही ढंग से होता है।
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इस प्राणायाम से शारीरिक विषैले पदार्थ (toxic elements) शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।
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यह हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखता है और उन्हें अशुद्धियों से बचाता है।
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यह तनाव, चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
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इस प्राणायाम से मस्तिष्क और शरीर की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
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एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ यह मन को शांत करने का सबसे अच्छा और सफल तरीका है।
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इससे शरीर में ऊर्जा आती है और शरीर तरोताजा हो जाता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम करते समय बरतें ये सावधानियां – Precautions for Nadi Shodhana Pranayma in Hindi
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यदि इस प्राणायाम को करते समय किसी प्रकार का दर्द और कठिनाई महसूस हो तो प्राणायाम का अभ्यास न करें।
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यह प्राणायाम सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर निर्भर करता है, अगर आपको किसी भी प्रकार की सांस की बीमारी है तो प्राणायाम न करें।
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इस प्राणायाम को करते समय सिर्फ और सिर्फ नाक से सांस लें और छोड़ें।
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अनावश्यक जोर न लगाएं, आराम से प्राणायाम को करें।
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अगर आपको किसी प्रकार की बीमारी या सर्जरी हुई है तो एक बार किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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प्राणायाम करते समय पेट खाली रखें, प्राणायाम करने से 2 या 3 घंटे पहले कुछ न खाएं।
नाड़ी शोधन प्राणायाम किस समय करना चाहिए ?
इस प्राणायाम को आप कभी भी कर सकते हैं, बशर्ते पेट खाली रहे। क्योंकि पेट भरा होने के कारण हमें कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए ज्यादातर लोग नाड़ी शोधन हो या कोई भी प्राणायाम सुबह करने के लिए कहते हैं, क्योंकि हमारा पेट उस समय खाली रहता है।
इसलिए लोग सुबह योगाभ्यास या प्राणायाम करने की सलहा देते हैं। अगर आप सुबह नाड़ी शोधन प्राणायाम करते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन अगर आप शाम को यह प्राणायाम करते हैं तो प्राणायाम करने से 2 या 3 घंटे पहले कुछ न खाएं।
निष्कर्ष – Conclusion
अब मैं आशा करता हूं कि इन सभी बातों को जानकर आप नाड़ी शोधन प्राणायाम कैसे करें और नाड़ी शोधन के फायदे क्या होते हैं, जान गए होंगे।
उम्मीद है कि आपको हमारा यह nadi shodhan pranayam in hindi का लेख पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो हमें कमेंट के जरिए जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
और अगर आपके परिवार में कोई नाड़ी शोधन प्राणायाम के बारे में जानना चाहता है तो आप हमारा लिखा हुआ आर्टिकल भेज सकतें है।
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