Bhujangasana in Hindi(Cobra Pose)
हम सभी जानते हैं कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह न केवल मनुष्य को जीवन जीने में मदद करता है बल्कि जीवन जीने के तरीका भी बताता है।
आज योग में हम एक ऐसे आसन के बारे में बताने जा रहे हैं जो न केवल बहुत फायदेमंद है बल्कि शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में भी कारगर है।
भुजंगासन (Cobra Pose) करने से एक मानव को ढेरों फायदे मिल सकते है। जिनके प्रयोग से वह स्वस्थ और तंदुरुस्त जीवन जी सकता है। ऐसा करने से, मनुष्य को एक आम और गंभीर बीमारी जैसे कमर दर्द और रीड की हड्डी से जुड़ी समस्याएं ठीक हो सकती है।
तो आइये जाने है – भुजंगासन क्या है, भुजंगासन कैसे करें, भुजंगासन के फायदे,
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Toggleभुजंगासन क्या है ? (Cobra Pose in Hindi)
भुजंगासन शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है। जो “भुजंग” से लिया गया है। जिसका मतलब होता है सर्प। यानी यह एक ऐसी आकृति होती है, जिसमे शरीर सांप की भांति फन उठाए हुए भुजंग की तरह दिखती है।
जिससे इसे अंग्रेजी भाषा में Cobra Pose कहा गया है।
यह आसन सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से आठवां है, जोकि अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे अन्य नामों से कोबरा पोज़, भुजंगासन और सर्पासन के नामो से भी जाना जाता है।
इस आसन में, शरीर को जमीन पर लेटाकर और पीठ को झुकाकर बनाया जाता है, जो देखने पर एक सांप की मुद्रा जैसा लगता है।
भुजंगासन कैसे करें (How to do Cobra Pose in Hindi)
भुजंगासन करने का एक बहुत ही आसान और सरल तरीका है। इस आसन में, शरीर को किसी भी तरह का दर्द और पीड़ा महसूस नहीं होती है, बल्कि इसे आरामदायक अवस्था में किया जा सकता है।
जाने भुजंगासन (Cobra Pose) करने के विधि – Steps For Bhujangasana in Hindi
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी चटाई या योगा मैट का इस्तेमाल करें।
- फिर सीधा पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और दोनों हाथो को अपने सिर के साइड में रखें।
इसके बाद, कंधे की चौड़ाई के अकॉर्डिंग दोनों हाथों को खोलकर पीछे की तरफ कूल्हे तक लाए। ध्यान रहे की अभी तक आप जमीन पर लेटे हुए हैं।
अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों की मदद से ऊपर उठने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि सिर्फ और सिर्फ धड़ और छाती को ही ऊपर उठाएं।
- इसके बाद कोहनियो को बिल्कुल सीधा करें, गर्दन और छाती को पीछे की तरफ खींचे जैसा की इमेज में दिखाया गया है।
इस अवस्था में आने के बाद साँस को सामान्य गति पर लाएं।
शरीर को इस मुद्रा में लगभग 20 से 30 सेकंड तक रखें। फिर अपनी सामान्य अवस्था में लौट आएं।
निरंतर अभ्यास के बाद, जब आप उन्नत स्तर पर चले जाएँ, तो इसे 20 से 30 सेकंड से करके 2 मिनट तक बढ़ा दें।
बाबा रामदेव की वीडियो के माध्यम से भुजंगासन करने के विधि जाने :-
और पढ़ें :- शीर्षासन करने के तरीके, फायदे और सावधानियां
भुजंगासन के बाद करें ये आसन :-
भुजंगासन करने के बाद जरूरी नहीं है कि आप इन आसनो का अभ्यास करे। लेकिन अगर आप Cobra Pose करने के बाद इन आसनो को करते है तो आपको अनेक लाभ प्राप्त होंगे।
हमारे द्वारा यह सलाह दी जाती है कि भुजंगासन करने के बाद इन आसनो का अभ्यास करें जो बताए हुए हैं :-
- ऊर्ध्व मुख श्वानासन (Urdhva Mukha Shvanasana)
- सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
- बितिलासन (Cow Pose)
भुजंगासन के फायदे (Bhujangasana benefits in hindi)
योग न केवल शरीर को स्वस्थ रहने का तरीका बताता है बल्कि जीवन जीने का तरीका भी बताता है। योग या कोबरा मुद्रा न केवल सभी मनुष्यों को स्वस्थ रखता है बल्कि स्वस्थ जीवन का भी नेतृत्व करता है।
तो इसी को देखते हुए जानते हैं :- भुजंगासन के लाभ (Benefits of Bhujangasana in Hindi)
- भुजंगासन करने से रीड की हड्डी पर जोर पड़ता है, जिससे यह मजबूत और लचीली बनती है। जो इसे मजबूत बनाता है और कमर दर्द से राहत दिलाता है।
Bhujangasana वजन कम करने में सहायक है। यह पुरे शरीर ओर खासकर पेट की चर्बी को कम करने में मददगार है।
यह आसन करने से पेट से संबंधित समस्याएं दूर होती है। जैसे :- अपच, कब्ज और गैस।
कोबरा आसन चयापचय प्रक्रिया में सुधार करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
कोपरा आसन तनाव को दूर करने में सहायक है। यह डिप्रेशन से भी छुटकारा दिलाता है। इससे शरीर में ऊर्जा व स्फूर्ति का संचार होता है।
इस आसन से गर्दन, कमर और कंधों को मजबूती मिलती है। जो कि किसी स्वस्थ व्यक्ति को मजबूती देने के लिए काफी लाभदायक है।
इस आसन से श्वास की गति में सुधार होता है और श्वसन संबंधी रोग ठीक होते हैं।
भुजंगासन के लिए सावधानियां (Precautions for Bhujangasana)
- यदि आपको पीठ दर्द, सिरदर्द और किसी अन्य प्रकार की शारीरिक सर्जरी हुई है, तो उन्हें भुजंगासन नहीं करना चाहिए।
Bhujangasana करते समय, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गर्दन और छाती को ऊपर खींचते समय और सामान्य मुद्रा में नीचे लाते समय, दोनों हाथों की हथेलियों पर समान रूप से तनावग्रस्त होने चाहिए।
जिस किसी को भी हर्निया जैसी बीमारी है उन्हें भुजंगासन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में लाभ मिलने की बजाय हानि पहुंच सकती है।
हमेशा ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म चक्र महिलाओं को भुजंगासन नहीं करना चाहिए।
यदि किसी भी प्रकार का लोअर बैक ऑपरेशन और फिजिकल सर्जरी हुई है, तो उन्हें भुजगासन नहीं करना चाहिए। यदि वे करना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह या योग चिकित्सक की सलाह से करें।
ध्यान रखें कि कोनहियो को सीधा करते समय कंधों को सिकोड़ने की अनुमति न दें और इसे गर्दन के समान न लाएं।
भुजंगासन के लिए जाने कुछ जरूरी बातें।
योग शिक्षकों का कहना है कि भुजंगासन को सुबह के वक्त करना चाहिए। क्योकि सुबह के वक्त इसके ज्यादा लाभ मिल सकते है।
ध्यान रखें कि भुजंगासन करने से पहले अपने पेट को हमेशा खाली रखें। क्योंकि, यदि पेट भरा हुआ है तो लाभ की बजाय हानि हो सकती है।
यदि आप सुबह भोजन कर लेते हैं, तो भोजन के लगभग 3 से 4 घंटे बाद ही आसन को करें।
भुजंगासन या किसी भी प्रकार का योगासन करने के लगभग आधे से एक घंटे बाद ही स्नान करें।
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