Epilepsy in Hindi : कुछ लोगों को काम के दौरान अचानक दौरे (seizure in hindi) पड़ने लगते हैं। मुझे आज भी याद है कि हमारे घनिष्ठ मित्र सुदेश कश्यप को अचानक से दौरे पड़ने शुरू हो जाते थे।
इस रोग में व्यक्ति अपनी सुध-बुध खो बैठता हैं और शरीर अकड़ जाता है। इस रोग को आम भाषा में मिर्गी रोग या मिर्गी के लक्षण कहते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे समय में पीड़िता के साथ क्या करना चाहिए? शायद आप में से कुछ ही लोग इसके बारे में जानकारी रखते होंगे।
दरअसल, इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षणों से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन वास्तव में यह बीमारी क्या है और इसके होने के क्या कारण हैं, यह बहुत कम लोग जानते हैं।
लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने और इसके सही इलाज की जानकारी देने के लिए इस विषय को हमने नीरफिट पर प्रकाशित किया है। हमने नीचे बताया है कि तो चलिए सबसे पहले आसान शब्दों में जान लेते है मिर्गी का मतलब क्या होता है? (Epilepsy meaning in Hindi)
मिर्गी क्या है? – What is Epilepsy in Hindi
मिर्गी एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के सामान्य कार्य में अचानक गड़बड़ी हो जाती है। इससे मस्तिष्क से शरीर की नसों तक गलत संदेश जाता है, जिससे शरीर असामान्य व्यवहार करना शुरू कर देता है।
सरल भाषा में यह विकार नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे दिमाग शरीर के अन्य भागो में सही संदेश नहीं भेज पाता है तथा वह शरीर असामान्य रूप से व्यव्हार करना शुरू कर देता है।
इससे मांसपेशियों में क्रैम्प आने लगते है और बेहोशी की हालत हो जाती है। मानव मन में उत्पन्न होने वाली ये ऐसी स्थितियाँ हैं, जैसे शार्ट सर्किट के कारण किसी घर में अचानक बिजली गुल हो जाना।
चलिए अब मिर्गी के प्रकारों के बारे में जान लेते है – Epilepsy types in hindi
मिर्गी के प्रकार – Types of Epilepsy in Hindi
मिर्गी के दो प्रकार होते है। वह इस प्रकार है।
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जनरलाइज्ड सीजर्स
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फोकल सीजर्स
जनरलाइज्ड सीजर्स (Generalized Seizures)
यह मिर्गी के लक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रकार है। इसमें दिमाग के दोनों हिस्से प्रभावित होते हैं। इस प्रकार को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
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एब्सेंस सीजर्स
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टॉनिक क्लोनिक सीजर्स
फोकल सीजर्स (Focal Seizures)
इस प्रकार का मिर्गी का दौरा मस्तिष्क के केवल एक विशिष्ट भाग को प्रभावित करता है। इस कारण इसे आंशिक दौरा भी कहते है। इसको तीन भागों में विभाजित किया जाता है।
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सिंपल फोकल सीजर्स
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कॉम्प्लेक्स पार्शियल सीजर्स
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सेकंडरी जनरलाइज्ड सीजर्स
मिर्गी के कारण – Epilepsy Causes in Hindi
मिर्गी आने के क्या कारण है? शायद ही आपको पता होगा। मिर्गी रोग के कारण, कई तरह की समस्याओं से उत्पन हो सकते है। इनमें कई बीमारियों के साथ-साथ दुर्घटना के कारण दिमागी चोट भी शामिल है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अहम कारणों के बारे में।
तो चलिए जानते है मिर्गी के कारण – epilepsy disease in hindi
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दिमाग में खून के बहाव का रुकना भी इसका प्रमुख कारण है।
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जन्म के समय दिमागी विकास न होने के कारण भी।
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मस्तिष्क में असामान्य रक्त वाहिकाओं की उपस्थिति के कारण।
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गर्भ में ही दुर्घटना से लगी चोट के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।
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दुर्घटना में हुई मानसिक चोट के कारण।
मिर्गी के लक्षण – Epilepsy Symptoms in Hindi
मिर्गी के कुछ लक्षण होते हैं, जिन्हें आप आसानी से पहचान सकते हैं और अगर आपको ये लक्षण किसी व्यक्ति के शरीर में दिखाई दें तो समझ लीजिये वह मिर्गी रोग का शिकार है।
तो चलिए जान लेते है मिर्गी रोग के लक्षण – mirgi ke lakshan in hindi
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सोच-समझ खोना
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चक्कर आना
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बेहोश होना
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मुंह से झाग आना
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स्वाद और गंध में परिवर्तन
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मांसपेशियों की क्रैम्प
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त्वचा में झनझनाहट
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सोचने-समझने की क्षमता का खत्म होना
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भ्रम की स्थिति पैदा होना
इसके अलावा अचानक हाथों, पैरों और चेहरे की मांसपेशियों में अचानक तनाव महसूस होना, रोगी के हाथ और पैर सख्त हो जाना और पीड़ित की आंखें और सिर बहुत तेजी से हिलने लगते हैं।
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कैसे करते है मिर्गी रोग का निदान – Diagnosis of Epilepsy in Hindi
अगर आप इस समस्या से काफी हद तक परेशान है तो डॉक्टरों द्वारा सबसे पहले आपकी शारीरिक जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता करेंगे कि आपको यह रोग कितने समय से है, चाहे वह अनुवांशिक हो या मस्तिष्क की चोट की कारण है।
इसके विपरीत डॉक्टर मुख्य कारण नहीं पता चलने की स्थिति में कुछ मेडिकल जाँच की सलहा दी जाएगी, जैसे –
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ईईजी
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वीडियो ईईजी
साथ ही इन परीक्षणों के अलावा अन्य परीक्षण भी किए जाएंगे, जो अन्य कारणों के अस्तित्व का प्रमाण देंगे। जैसे –
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सीटी स्कैन
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एमआरआई स्कैन
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खून की जाँच
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ब्लड शुगर चेक
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रीढ़ की हड्डी की जांच
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संक्रामक रोगों की जांच
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मिर्गी का अचूक इलाज – Epilepsy Treatment in Hindi
मिर्गी का इलाज कैसे करें? आप यहीं सोच रहें होंगे। ज्यादातर मामलो में मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज सम्भव है, लेकिन कुछ मामलो में डॉक्टरों की सलहा लेनी आवश्यक है। आइए अब मिर्गी के इलाज के लिए अपनाए गए कुछ तरीकों पर नजर डालते हैं।
मिर्गी का इलाज – Epilepsy home treatment in hindi
सीबीडी ऑयल (CBD oil)
विशेषज्ञों के अनुसार सीबीडी तेल में मिरगी-रोधी प्रभाव पाया जाता है, जो मस्तिष्क क्षति को दूर कर मिर्गी की समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।
इसके लिए आपको 10 ग्राम सीबीडी तेल (CBD oil) को ड्रॉपर की सहायता से जीभ (tongue) के नीचे रखें और एक मिनट तक मुंह में रखने के बाद इसे निगल लें।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि यह उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
नारियल का तेल (Coconut oil)
आम तेल जैसे की सरसो का तेल या रिफाइंड ऑयल की जगह आप आवश्यकतानुसार नारियल का तेल का इस्तेमाल कर सकतें है। नारियल के तेल में प्रभावशाली antioxidant गुणों के साथ-साथ फैटी एसिड भी होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण नारियल का तेल (coconut oil) मिर्गी की समस्या को कम करने में सहायक माना जाता है।
आप नियमित रूप से इस तेल का इस्तेमाल कर सकतें है।
विटामिन युक्त (Vitamin-Rich)
अगर हम मिर्गी की समस्या में मददगार विटामिन की बात करें तो vitamin B-6, vitamin E, फोलिक एसिड (Vitamin B-9), vitamin D, vitamin K और बायोटिन (Vitamin B-7) की कमी भी इसका एक कारण है।
इसीलिए डॉक्टरों द्वारा मिर्गी के दौरे को दूर करने के लिए इन विटामिनों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
मिर्गी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
आहार विशेषज्ञ अक्सर मिर्गी की समस्या और दौरे की संख्या को कम करने के लिए कम कार्बोहाइड्रेट और उच्च वसा वाले आहार की सलाह देते हैं। एक शोध के अनुसार मिर्गी की समस्या में काफी हद तक राहत प्रदान करने में एटकिन्स और किटोजेनिक आहार को सहायक माना गया है।
तो चलिए जानते है मिर्गी में क्या खाना चाहिए।
निम्नलिखित कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें कम कार्बोहाइड्रेट और अधिक वसा और प्रोटीन होते हैं, जिनके सेवन से मिर्गी की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है –
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एग
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बीफ
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पनीर
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ब्रोकोली
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दूध
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बादाम
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जैतून का तेल
मिर्गी में क्या नहीं खाना चाहिए – What should not be eaten in epilepsy?
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बर्गर, पिज्जा, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चौमिन, पास्ता और चिप्स जैसे जंक फूड से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
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वहीं कुछ सब्जियों और फलों जैसे आम, केला, किशमिश, खजूर और मसले हुए आलू से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
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धूम्रपान और शराब से दूर रहने की भी सलाह दी जाती है।
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मिर्गी के लिए डॉक्टर से कब सलाह लेनी चाहिए?
वैसे तो आपको अपने डॉक्टर से तभी संपर्क करना चाहिए जब मिर्गी के लक्षण पहली बार दिखाई दें, लेकिन यहां हम आपको कुछ ऐसी स्थितियां बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से आपको मिर्गी के इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।
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जब व्यक्ति को लम्बे समय तक मिर्गी का दौरा पड़ने लग जाएँ।
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कम अंतराल के बाद मिर्गी का दौरा पड़ने लग जाए।
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मिर्गी के दौरा कुछ ही मिनटों में बार-बार आने लग जाएँ।
मिर्गी के लिए ध्यान रखें ये बातें – Keep these things in mind for epilepsy
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प्रारंभिक अवस्था में मिर्गी की दवा का उपयोग मिर्गी को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर एंटीकॉन्वेलसेंट दवा लेने की सलाह देते हैं। इसकी मात्रा समय के अनुसार बढ़ाई या घटाई जा सकती है।
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बच्चों के मामले में, डॉक्टर मिर्गी के इलाज के लिए किटोजेनिक आहार लेने की सलाह देते हैं।
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यदि ट्यूमर सामान्य रक्त वाहिकाओं या मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण मिर्गी की समस्या है, तो मिर्गी के इलाज के लिए प्रभावित क्षेत्र की सर्जरी से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
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निष्कर्ष – Conclusion
यह समस्या बहुत जटिल और कार्यात्मक है इसलिए इसे पूरी तरह से समझाना आसान नहीं है। लेकिन, इसके बावजूद हमने इस लेख में आसान शब्दों में बताने की कोशिश की है।
मिर्गी कोई आम समस्या नहीं है और यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है जिसे भी यह रोग होता है उसे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आशा करता हूँ की अब आप seizures disease meaning in hindi जान गए होंगे। अगर आप मिर्गी रोग से संबंधित सही जानकारियां हासिल करना चाहते है तो एक बार हमारे लेख पर नजर डालें।
अगर आपको mirgi ka ilaj in hindi के लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं।
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