Bhramari Pranayama जिसे Humming Bee Breath के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राणायाम आपके लिए बेहद असरदार साबित हो सकता है।
जिस किसी को भी तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ापन, गुस्सा या फिर चिंता रहती है तो यह आसन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।
क्योंकि यह आसन मस्तिष्क को शांत रखने में सक्षम है। Bhramari Pranayama के अभ्यास से तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और चिंता आदि में कमी आती है।
यह एक सरल प्रक्रिया है जिसे घर या दफ्तर, कहीं भी किया जा सकता है। यह प्राणायाम चिंता या निराशा से मुक्त होने का सबसे अच्छा ऑप्शन है।
इस प्राणायाम को करते समय ऐसा महसूस होता है कि एक मधुमक्खी गुनगुना रही हो, जो सुनने और देखने पर भी मधुमक्खी की भांति दिखाई देती है। इसलिए आज हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि what is bhramari pranayam in hindi, benefits of bhramari panayama in hindi, bhramari pranayama steps in hindi और precautions for bhramari pranayama in hindi
भ्रामरी प्राणायाम हिंदी में (what is bhramari pranayama in hindi)
भ्रामरी प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है भ्रामरी + प्राणायाम।
भ्रामरी का अर्थ होता है भारतीय मूल की काली मधुमक्खी और प्राणायाम का अर्थ होता है सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया। भ्रामरी प्राणायाम सांस लेने की ऐसी तकनीक है जिसमें साँस छोड़ने पर ऐसी ध्वनि आती है मानो कोई मधुमक्खी गुनगुना रही हो।
वास्तव में भ्रामरी का अर्थ मधुमक्खी होता है इसलिए हिंदी भाषा में इसे भ्रामरी प्राणायाम और अंग्रेजी भाषा में humming bee breath कहते है।
यह एक सरल तकनीक है जिसे कहीं भी, कभी भी और किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है।
यह प्राणायाम मन को तुरंत शांत करने, हताशा और निराशा से मुक्त करने और क्रोध को शांत रखने में काफी मददगार है।
भ्रामरी प्राणायाम करने के तरीका (How to do Bhramari Pranayama in Hindi)
देखिए, भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका बहुत आसान है, बस आपको हमारी दी गई बातों को ध्यान में रखना होगा और आप देखेंगे कि बहुत ही आसानी से आप भ्रामरी प्राणायाम करना सिख गए है।
हम यहां विस्तार से बता रहे हैं कि भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें, इसलिए कृपया लेख को ध्यान से पढ़ें।
तो आइए जानते हैं भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि (Bhramari Pranayama Steps in Hindi)
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पहले किसी साफ व शांत जगह का चुनाव करें।
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फिर नीचे बैठने के लिए चटाई या योगा मेट का इस्तेमाल करें।
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आप पद्मासन या कमल मुद्रा की स्थिति में बैठ सकते हैं।
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मन को शांत करते हुए सांस को सामान्य करें।
- अब दोनों हाथों के अंगूठे से अपने दोनों कानों को बंद करें।
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फिर दोनों हाथों की पहली उंगली को माथे पर रखें और शेष बची हुई उंगली को आंखों पर रखें।
- अब नाक से लंबी गहरी सांस लें फिर मुंह को बंद रखते हुए ओम का उच्चारण करें।
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जब आप ओम का उच्चारण करेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे मधुमक्खी गुनगुना रही हो।
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ध्यान रखें कि पूरी लंबी गहरी सांस लें और अंततः सांस को छोड़ें जब तक कि आप पुनः सांस लेने के योग्य नहीं हो जाते हैं।
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कहने का मतलब है कि 3 से 5 सेकेंड के अंदर लंबी गहरी सांस लें और सांस को छोड़ते समय 15 से 20 सेकंड का वक्त ले। इस प्राणायाम को लगभग 10 से 15 मिनट तक करें।
भ्रामरी प्राणायाम के लिए वीडियो (bhramari pranayama video in hindi)
बाबा रामदेव की सहायता से भ्रामरी प्राणायाम करना सीखें (bhramari pranayama ramdev in hindi)
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भ्रामरी प्राणायाम करने के फायदे (Benefits of Bhramari Pranayama in Hindi)
देखें, इसके नियमित और निरंतर अभ्यास से, आप इसके कई लाभों का आनंद ले सकते हैं।
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यह तनाव को कम करने हताशा और निराशा से मुक्त करने और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करने में मददगार है। ऐसे इसके बहुत से फायदे हैं जिन्हें हम नीचे बताने वाले हैं।
तो आइए जानते हैं Bhramari Pranayam ke fayde (benefits of bhramari pranayam in hindi)
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यह प्राणायाम चिंता, क्रोध, अवसाद और चिड़चिड़ापन से मुक्त करता है।
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यह सांस से संबंधित कई समस्याओं को भी ठीक करता है और शरीर में शुद्ध वायु को पहुंचाता है।
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यह हाई ब्लड प्रेशर (High BP)के मरीजों के लिए प्रभावी अभ्यास है।
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यह हमारे concentration power यानी एकाग्रता को बढ़ाता है। याददाश्त को बढ़ाने में भी यह प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है।
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मस्तिष्क और मन को शांत करने का यह उत्तम साधन है।
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यह प्राणायाम साइनस के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
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यह प्राणायाम कुंडलिनी को जागृत करता है और आत्मा को शुद्ध करता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत ही अच्छा प्राणायाम है क्योंकि यह डिलीवरी के समय शिशु को सहजता से होने में मदद करता है।
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इस प्राणायाम के अभ्यास से बुद्धि के साथ-साथ स्मरण शक्ति का भी विकास होता है। यह शरीर में सकारात्मक सोच को बढ़ाता है।
- इसका निरंतर अभ्यास गले और स्पष्ट आवाज में जीवंतता लाता है।
भ्रामरी प्राणायाम करने से पहले क्या सावधानी बरती जाए (Precautions for bhramari pranayama in hindi)
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इस प्राणायाम को करने से पहले आप अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते हैं।
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हमारे भ्रामरी प्राणायाम या किसी अन्य प्राणायाम को करने से पहले, पेट को खाली रखें।
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आप किसी भी समय भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं, चाहे सुबह हो या शाम, बशर्ते इसे खाली पेट किया जाना चाहिए।
- यदि आप शाम के समय में भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहते हैं, तो 3 से 4 घंटे पहले कुछ भी न खाएं।
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यदि आप किसी भी तरह के संक्रमण से जूझ रहे हैं, तो यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
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यदि इस प्राणायाम को करते समय कोई परेशानी होती है तो इस प्राणायाम को न करें।
- इस प्राणायाम को करने से पहले योग चिकित्सक या योग शिक्षक की सलाह अवश्य लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा लेख bhramari pranayam in hindi पसंद आया होगा।
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