Slipped disc in hindi : क्या आपको कभी पीठ में तेज दर्द हुआ है? इतना दर्द कि रातों की नींद हराम हो जाए। ऐसा दर्द जो आपको चैन से न बैठने दे। अगर आपकी उम्र 25 से 40 के बीच में है तो कभी न कभी यह दर्द महसूस जरूर किया होगा।
ऐसा दर्द यानि ऐसी समस्या को स्लिप डिस्क कहते हैं
यह दर्द कमर के दर्द की तरह ही होता है। ऐसा दर्द आपकी रीढ़ की हड्डी पर होता है। कुछ लोगो को तो कमर के बीच में या कमर के निचले हिस्से में भी दर्द होता है।
यह समस्या भारत की सबसे बड़ी और आम समस्या बनती नजर आ रही है। एक आकड़े के अनुसार 80 फीसदी युवा इस बीमारी से जूझ रहे है। फर्क बस इतना है कि पहले लोग बिमारियों को नजर अंदाज करते थे, लेकिन आज इनके प्रति सचेत हो गयें है।
अगर इस समस्या का समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो यह मामूली दर्द कब ऑपरेशन का कारण बन जाएँ आपको पता भी नहीं चलेगा।
हालांकि, slipped disc का अंतिम इलाज केवल एक ऑपरेशन नहीं है। आप व्यायाम और योग के जरिए भी स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पा सकते हैं। व्यायाम और योग के नियमित अभ्यास से न केवल रीढ़ की हड्डी को सही आकार में लाया जा सकता है, बल्कि असहनीय दर्द से भी छुटकारा भी पाया जा सकता है।
इसीलिए आज हम उन सभी बातो पर गौर करेंगे जो स्लिप डिस्क के कारण तथा इसके जन्म में भूमिका निभाते है, साथ ही इस आर्टिकल में यह भी बताया जायेगा की slip disk ke lakshan और slip disk ke ka ilaaj, तो अंत तक हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
तो चलिए सबसे पहले जान लेते है slip disc kya hai?
स्लिप डिस्क क्या है?
Slip disc meaning in hindi : स्लिप डिस्क के बारे में आपने सुना होगा कि डिस्क फिसल गई है, जिसके कारण पीठ में दर्द होता है। हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी छोटे मनको से बनी होती है, और प्रत्येक मनके के बीच में एक डिस्क होती है। जो आपके शरीर को झटके सहने में मदद करती है।
जब हम किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाते या पकड़ते हैं, तो इससे कमर पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है, जिससे कमर की हड्डियों और नसों पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है, जो कमर दर्द का कारण बनता है। और जब ये डिस्क खराब हो जाती हैं तो उनमें सूजन आ जाती है। जिससे शरीर के अंग सुन्न होने लगते हैं।
यह एक ऐसा दर्द है जिससे हर कोई पीड़ित है। इस दर्द को हर्नियेटेड डिस्क (Herniated disk in Hindi) भी कहा जाता है। यह दर्द पीठ के निचले हिस्से में होता है और जब यह दर्द होता है तो रोगी को असहनीय दर्द का अनुभव करना पड़ता है।
अगर समय रहते इस समस्या से छुटकारा नहीं पाया गया तो यह दर्द कमर से आपके कूल्हों, जांघ और पैरों तक कब पहुंच जाएँ आपको पता भी नहीं चलेगा।
यह एक ऐसा दर्द है जिसमें आप रोजाना की जाने वाली छोटी-मोटी गतिविधियां भी नहीं कर पाते हैं।अगर आप इस समस्या का हल देखना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर है।
आगे हमने स्लिप डिस्क के कारण, स्लिप डिस्क के लक्षण और स्लिप डिस्क के के घरेलू उपचार भी बताएं है, उन्हें पढ़ना न भूले।
स्लिप डिस्क के क्या कारण है?
स्लिप डिस्क या कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय हैं। जिसे आप आसानी से कर सकते हैं, जिसकी मदद से आप इस डिस्क के क्षतिग्रस्त भाग से बच सकते हैं। लेकिन इसका इलाज जानने से पहले स्लिप डिस्क के कारण जानना जरूरी है।
यह दर्द रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने के कारण होता है। या कमर की मांसपेशियों के कमजोर होने से कमर दर्द होता है। इसके कई कारण हैं, जिनके बारे में हमने नीचे बताया है।
तो चलिए जानते है कमर दर्द के कारण – slipped disc ke karan in hindi
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कमर झुकाकर काम करने से भी कमर दर्द होता है।
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यह दर्द हमेशा गलत तरीके से बैठने से भी होता है।
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भारी सामान उठाने के कारण।
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अत्यधिक शारीरिक परिश्रम के कारण।
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पीठ में गंभीर चोट के कारण
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कमर में किसी तरह का झटका लगने की वजह से भी।
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अनियमित दिनचर्या और अचानक झुकने की आदत।
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बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कमजोर होना।
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यह दर्द शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण भी होता है।
स्लिप डिस्क के क्या लक्षण है?
वैसे रोगी में स्लिप डिस्क के लक्षण कुछ समय बाद दिखाई देते हैं। शुरुआती समय में लोग बाम या मलहम लगाकर कमर दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं। कई बार किसी बीमारी के लक्षण शुरूआती समय में नजर नहीं आते, लेकिन कुछ समय बाद लक्षण दिखने लगते हैं।
स्लिप डिस्क के कुछ ऐसे ही लक्षण होते हैं, आइए इसके लक्षणों को समझने की कोशिश करते हैं।
नीचे जानिए क्या हो सकते हैं स्लिप डिस्क के लक्षण – slip disc ke lakshan
दर्द (Pain)
स्लिप डिस्क की वजह से पीठ और जांघों में तेज दर्द होता है। यह दर्द आपके कूल्हों, पिंडलियों, पैरों, पंजों, कंधों और हाथों में भी हो सकता है। यह स्लिप डिस्क का एक सामान्य लक्षण है। यह दर्द आपके द्वारा की जाने वाली दैनिक गतिविधियों के कारण होता है।
अंगों का सुन्न होना (Numbness of Limbs)
स्लिप डिस्क की समस्या के दौरान शरीर के कई अंग कमजोर हो सकते हैं। इसके अलावा आपको वजन उठाने या चीजों को थामने में भी परेशानी हो सकती है। इस कमजोरी का कारण वह नस हो सकती है जो स्लिप डिस्क के दौरान दब गई हो या इससे संबंधित अंग से जुड़ी हो।
इसके आलावा यह सभी स्लिप डिस्क के लक्षण है :-
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बैठने के दौरान पीठ में दर्द और दबाव महसूस होना ।
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बैठने के दौरान उठने में कठिनाई।
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दर्द के कारण बेचैनी।
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रीढ़ की हड्डी पर दबाव।
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पूरे शरीर में दर्द।
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कमर की मांसपेशियों का कमजोर होना।
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स्लिप डिस्क का घरेलू इलाज बताइए?
पीठ दर्द को भी स्लिप डिस्क कहा जाता है और यह पीठ दर्द के समान होता है। अगर इस समस्या का समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह आपके दूसरे अंगों को भी अपना शिकार बना सकता है।
इसिलए इस slip disc ka gharelu ilaj करना बहुत ही जरूरी है।
तो चलिए जानते है स्लिप डिस्क का घरलू इलाज – slip disc ka gharelu ilaj in hindi
लौंग और काली मिर्च से करे स्लिप डिस्क का घरेलू इलाज
अपने स्लिप डिस्क प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आपको पांच लौंग और पांच मिर्च को अच्छी तरह से पीस लेना है, फिर इसमें सोंठ मिला दें। और इसका काढ़ा बनाकर दिन में दो बार इस काढ़े का सेवन करें।
आप बहुत ही जल्दी स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं से छुटकारा पा लेंगे।
दालचीनी और शहद से स्लिप डिस्क का घरेलू उपाय
2 ग्राम दालचीनी के चूर्ण में एक चम्मच शहद में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। इससे आपको रात को होने वाले कमर दर्द और स्लिप डिस्क की समस्या से निजात मिलती है।
इस तैयार मिश्रण को दिन में दो बार पीने से स्लिप डिस्क के दर्द से राहत मिलेगी।
नारियल का तेल व सरसों का तेल के इस्तेमाल से स्लिप डिस्क का उपचार
नारियल का तेल और सरसों का तेल लें, उसमें लहसुन की 3 से 4 कलियां डालकर अच्छी तरह गर्म करें और ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।
आप बहुत ही जल्द स्लिप डिस्क से छुटकारा पा सकेंगे।
स्लिप डिस्क के लिए योगासन
स्लिप डिस्क की समस्या होने पर कुछ आसनों का अभ्यास जरूर किया जा सकता है। वह आसन इस प्रकार है।
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भुजंगासन (Cobra Pose)
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शवासन (Shavasana)
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शलभासन (Locust Pose)
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उष्ट्रासन (Camel Pose)
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स्लिप डिस्क होने पर रखें ये सावधानियां
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अगर आपको लंबे समय से झुककर काम करने की आदत है तो ऐसा न करें।
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आप कुर्सी पर पीठ सीधी करके बैठें। इस आसन में मुद्रा से आपकी पीठ में दर्द नहीं होता है।
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अगर आप लगातार काम करते हैं या बिना हिले-डुले अपना काम करते हैं तो आपको थोड़े समय में ब्रेक लेना चाहिए।
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यदि आप अधिक वजन वाले या बहुत मोटे हैं, तो भी यह मोटापा आपकी रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। जिससे आपको कमर दर्द की समस्या होती है। इसलिए अपने वजन को नियंत्रण में रखें और अपने शरीर की चर्बी को बढ़ने न दें।
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स्लिप डिस्क की समस्या से बचने के लिए रखें इन बातो का ध्यान
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अगर आप ज्यादा देर तक कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं तो यह आपकी भी समस्या हो सकती है। यह दर्द लंबे समय तक लेटे रहने से भी हो सकता है, इसलिए नियमित अंतराल के बाद थोड़ी देर टहलें।
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उम्र के साथ मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जिससे कमर दर्द होने लगता है। मांसपेशियों पर दबाव पड़ने के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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जो लोग मेहनत करते हैं यानि मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं या भारी सामान उठाना पड़ता है, उन्हें स्लिप डिस्क की समस्या बहुत होती है। ऐसा में कोई भी काम करने से पहले सावधानी जरूर बरतें।
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ऊँची एड़ी के जूते और सैंडल पहनना बंद करें और नियमित शारीरिक व्यायाम करें क्योंकि ऐसा करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
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दर्द वाली जगह पर बर्फ लगाएं, ऐसा करने से अंदर की सूजन कम हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है।
स्लिप डिस्क से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
स्लिप डिस्क का पता कैसे चलता है?
यदि आपको रीढ़ की हड्डी के किसी भी हिस्से में दर्द या पीठ के निचले भाग में दर्द होता है तो आप समझ लीजिये की आपको स्लिप डिस्क की समस्या है। इसके साथ ही इस समस्या के कारण शरीर के अंग सुन्न हो जाते हैं और पीठ और जांघों में तेज दर्द होता है।
डिस्क की बीमारी क्या है?
हमारी रीढ़ की हड्डी के बीच में एक मुलायम चीज होती है, जिसे डिस्क कहते हैं। डिस्क को इंटरवर्टेब्रल डिस्क के नाम से जाना जाता है यह प्रत्येक डिस्क लगभग एक इंच व्यास और एक चौथाई इंच मोटी एक सपाट, गोलाकार कैप्सूल के रूप में होती है।
देखिए, गलत तरीके से उठने-बैठने,झुकने या गलत तरीके से काम करने की वजह से डिस्क पर लगातर जोर पडता है जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है और पीठ दर्द होना शुरू हो जाता है।
L4 l5 डिस्क समस्या क्या है?
आपको L4 L5 में माइल्ड डिस्क हर्निया है। इसके बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हल्के L4 L5 डिस्क हर्नियेशन को कुछ सरल घरेलू व्यायामों से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। अधिक जानने के लिए हमारा लेख पढ़ें।
स्लिप डिस्क का मतलब क्या होता है?
यदि किसी कारण से आपको चोट लग जाती है या आप गिर जाते हैं, तो डिस्क का भीतरी भाग बाहरी भाग से अलग हो जाता है, इसे स्लिप डिस्क कहते हैं। इस स्थिति में बहुत दर्द होता है। यह दर्द आपके कूल्हों, पिंडलियों, पैरों, पंजों, कंधों और हाथों में भी हो सकता है।
स्लिप डिस्क कितने प्रकार की होती है?
स्लिप डिस्क के तीन प्रकार होते है।
- सर्वाइकल डिस्क स्लिप
- लंबर डिस्क स्लिप
- थोरैसिक डिस्क स्लिप
स्लिप डिस्क का सही इलाज क्या है?
स्लिप डिस्क के गंभीर मामलों में आपको सर्जरी से भी गुजरना पड़ सकता है। या फिर शुरूआती दौर में आप हमारे द्वारा बताए गए घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं। इसके साथ ही आप योगा भी कर सकते हैं। अधिक जानने के लिए हमारे दिए गए लेख को पढ़ें।
निष्कर्ष – Conclusion
स्लिप डिस्क समस्या भारत में तेजी से बढ़ती हुई समस्या है। अगर आप इसका समय रहते इलाज करा लेते है तो आप इससे होने वाले गंभीर परिणामो के बच सकते है।
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