Anulom Vilom Pranayama in Hindi
आज दुनिया भर में योगासन और प्राणायाम किये जाते है। योगासन के अंतर्गत ही प्राणायाम आते है आज हम जिस प्राणायाम के बारे में बात करने जा रहे हैं, वह है अनुलोम-विलोम।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगासन है। जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है।
इस योगासन को रोजाना 10 से 15 मिनट करने से आपका शरीर और मस्तिष्क अच्छा बना रहता है। इसके बारे में अच्छी बात यह है कि यह प्राणायाम बहुत आसान और सरल है और सभी उम्र के लोग, चाहे वह बच्चे, बूढ़े और जवान, आसानी से कर सकते हैं।
अगर इसके लाभों के बारे में बात की जाए, तो यह श्वसन प्रणाली में सुधार करता है, चेहरे पर चमक लाता है और कई अन्य बीमारियों से राहत दिलाता है।
पतंजलि के फाउंडर और योग प्रशिक्षक बालकृष्ण आचार्य भी सुबह योग करने से पहले अनुलोम-विलोम करने की सलहा देते है।
हालांकि, बहुत से लोगो को लगता है कि अनुलोम-विलोम करने से कुछ प्राप्त नहीं होता है। लेकिन यह सच नहीं है।
इसीलिए आज हम इस लेख के माध्यम से आपके मन में अनुलोम-विलोम को लेकर किसी भी तरह का संदेह है, तो हम उसे दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
तो इस लेख में हमने बताया है – अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि, लाभ और सावधानियां (Anulom Vilom Pranayama, Method, Benefits and Precautions)
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Toggleअनुलोम विलोम प्राणायाम क्या है ?( What is Anulom Vilom Pranayama in Hindi)
अनुलोम विलोम प्राणायाम तीन शब्दों अनुलोम + विलोम + प्राणायाम से बना है। जिसका अर्थ होता है साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया।
यानि इसको विस्तार से समझा जाएँ तो अनुलोम का अर्थ होता है दाईं नासिका और विलोम का अर्थ होता है बायीं नासिका और अंत में प्राणायाम का अर्थ होता है साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया।
तो यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नाक के एक छिद्र से सांस लेते हैं और दूसरे छिद्र से सांस छोड़ते हैं।
इस प्रक्रिया को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है। मानव शरीर में नाड़ियाँ सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली है जो विभिन कारणों से बंद हो सकती है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम या नाड़ी शोधन प्राणायाम साँस लेने और छोड़ने की एक ऐसी प्रक्रिया है जो इन ऊर्जा प्रणालियों को सुचारू रूप से स्वच्छ रखने, चलाने और संचालित करने में मदद करता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि (Anulom Vilom Steps in Hindi)
Anulom Vilom Pranayama करने की विधि बहुत ही आसान और सरल है। आप दिन के एक निश्चित समय को चुनकर इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।
तो चलिए अब जानते है अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का तरीका :-
इस प्राणायाम को करने के लिए, पहले एक साफ जगह का चयन करें, और फिर बैठने के लिए योगा मैट या चटाई का उपयोग करें।
जो लोग जमीन पर बैठने में असमर्थ हैं, वे कुर्सी पर बैठ सकते हैं।
फिर इसके बाद पद्मासन की मुद्रा या सुखासन की मुद्रा में बैठने की कोशिश करें।
पीठ और गर्दन को सीधा रखते हुए सामने की तरफ देखें।
लंबी गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। मन को शांत करें और एकाग्र (concentration) अवस्था में जाने का प्रयास करें।
इसके बाद दाएं (Right) हाथ के अंगूठे से अपनी दाईं (Right) नाक को बंद करें और बाएं (Left) नाक से धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
इसके बाद Right हाथ के अंगूठे से अपनी Right नाक को बंद करें और Left नाक से धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
अब साँस को अंदर ही रखकर Right हाथ की उंगली से Left नाक को बंद करें और Right नाक से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
गहरी साँस लेते हुए अनावश्यक जोर न लगाए, जितना संभव हो आराम से प्रक्रिया को करें।
इस तरह अनुलोम-विलोम का एक चक्र पूरा हो जाएगा। ऐसा करते हुए आप 7 से 8 चक्र कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को लगभग 10 मिनट तक करें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे (Benefits of Anulom Vilom Pranayama in Hindi)
इस प्राणायाम को करने से शरीर को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के फायदे होते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि यह तनाव को दूर करने, चेहरे पर निखार लाने और कई अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है।
तो आइये जानते है कुछ कुछ अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ Anulom Vilom Pranayama Benefits in Hindi :-
- त्वचा की चमक में फायदेमंद
- डायबिटीज में फायदेमंद है अनुलोम विलोम प्राणायाम
- माइग्रेन (सिरदर्द) में लाभदायक है
- कब्ज को दूर करता है
- शरीर को डिटॉक्स करने के लिए
- एकाग्रता में वृद्धि करता है
1. त्वचा की चमक में फायदेमंद (Beneficial in skin glow)
देखिए, हमने पहले भी बताया है कि अनुलोम विलोम प्राणायाम त्वचा की चमक या दमक में फायदेमंद है। यह क्रिया एक नाड़ी शोधन क्रिया है, जो शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स कर विषाक्त तत्व को बहार निकाल देता है।
जिससे त्वचा की चमक या दमक में लाभ मिल सकता है। अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है की प्राणायाम त्वचा की चमक या दमक में किस प्रकार लाभ पहुंचाता है।
परन्तु बस इतना कहना चाहेंगे की शोध से पता चला है कि त्वचा की चमक और निखार में अनुलोम विलोम प्राणायाम लाभदायक है।
2. डायबिटीज में फायदेमंद है अनुलोम विलोम प्राणायाम (beneficial in diabetes)
डायबिटीज टाइप 2 के मरीज दिन में पांच से दस मिनट रोजाना अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास भी कर सकते हैं। योग अभ्यास या प्राणायाम डायबिटीज के खिलाफ एक राम-बाण इलाज साबित हो सकता है।
वैज्ञानिक तोर पर सिद्ध हुआ है की सूर्य भेदी प्राणायाम से भी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। क्योंकि यह शरीर से ब्लड सुगर के स्तर को कम करता है, जिससे डायबिटीज के रोगियों के लिए यह एक प्रभावी दवा है।
3. माइग्रेन (सिरदर्द) में लाभदायक है (Beneficial in migraine)
माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो आपके सिर के आधे हिस्से या पूरे हिस्से में हो सकता है। यह दर्द असहनीय होता है। यह बीमारी उनके तनाव, डिप्रेशन और चिंता के कारण हो सकती है।
लेकिन अनुलोम-विलोम प्राणायाम के द्वारा इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक Breathing exercises है जो तनाव, डिप्रेशन और चिंता को दूर करने का काम कर सकती है, जिससे माइग्रेन की बीमारी दूर होती है।
4.कब्ज को दूर करता है (Relieves constipation)
Anulom Vilom Pranayama या नाड़ी शोधन प्रक्रिया पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक है। आप सभी जानते है की नाड़ी शोधन प्रक्रिया कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार है।
अगर आप इन सभी फायदों का अच्छे के लाभ उठाना चाहते है तो अनुलोम-विलोम प्राणायाम का निरंतर और नियमित रूप से अभ्यास करें, में दावे के साथ कह सकता हूँ की चंद दिनों में भीतर ही आपको फर्क नजर आने लगेगा और आप स्वस्थ महसूस करने लगेंगे।
5. शरीर को डिटॉक्स करने के लिए (To detox the body)
बॉडी को डिटॉक्स कर विषैले तत्व को बहार निकालने का भी अनुलोम विलोम प्राणायाम काम करता है। कई बार देखा जाता है कि खान-पान में बरती गई लापरवाही से शरीर में विषैले तत्व (toxic elements) का कारण बन जाती है।
लेकिन प्राणायाम करने से ऐसे विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त हो जाता है।
6. एकाग्रता में वृद्धि करता है (Increases concentration power)
ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता बढ़ाने में अनुलोम विलोम प्राणायाम का बहुत महत्व है। विशेष रूप से, यह week concentration power वाले बच्चे की एकाग्रता में वृद्धि करता है।
साथ ही यह Nervous system और मस्तिष्क की न्यूरोनल गतिविधियां में सुधार करता है जो किसी व्यक्ति की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में बढ़ोतरी करता है।
और पढ़ें :- ध्यान कैसे लगाएं -Dhyan Kaise Lagaye।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के लिए बरतें ये सावधानियां (Precautions Anulom Vilom Pranayama)
इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अनुलोम विलोम प्राणायाम या कोई भी योगासन करने से पहले पेट को खाली रखें।
यह प्राणायाम एक नाड़ी शोधन प्राणायाम है जो सांस से संबंधित है। आप अपने अंदर सांस को तब तक रोककर रखें, जब तक आप के अंदर रुकने की क्षमता है।
सांस लेते और छोड़ते समय अनावश्यक जोर न लगाएं।
अगर आपको किसी भी प्रकार की सांस लेने की समस्या है तो इस प्राणायाम को न करें।
प्राणायाम करते समय किसी प्रकार की कठनाइयां एवं दर्द महसूस होने पर अभ्यास न करें।