Banyan Tree In Hindi : हमे अक्सर सड़कों पर घूमते-फिरते कई पेड़ नजर आते है। जो हमे ऑक्सीजन के साथ-साथ छाया भी देते है। इन पेड़ों में सबसे पसंदीदा पेड़ bargad ka ped है।
बरगद के पेड़ को हम अंग्रेजी भाषा में Banyan Tree in Hindi भी कहते है। इस पेड़ में बड़े चमत्कारी गुण मौजूद है, जो हमे कई भौतिक गुणों के साथ-साथ मानवीय गुण भी देते है।
इस पेड़ का तना, छाल, पत्ते और फल और यहां तक कि इसका दूध भी कई उपयोगी चीजों में फायदेमंद होता है। बरगद का पेड़ मानव शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस वृक्ष के सभी तत्व विभिन्न रोगों में उपयोगी होते हैं। इसके सेवन से मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। और बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।
आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताया जाएगा कि आप तना, छाल, इसके पत्ते और दूध का सेवन करके कैसे विभिन्न रोगों को ठीक कर सकते हैं।
साथ ही इस लेख में यह भी बताया जाएगा कि बरगद क्या है? बरगद के पेड़ के लाभ, बरगद के दूध के फायदे और नुकसान, और बरगद के पेड़ का महत्व ,तो अंत तक हमारे लेख को पढ़ें।
चलिए सबसे पहले जान लेते है की बरगद का पेड़ क्या होता है?
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बरगद का पेड़ क्या है? – What is banyan tree in hindi
दोस्तों भारत में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो bad ka ped को नहीं जानता हो, लगभग सभी व्यक्ति इस पेड़ से परिचित है। हमारे भारत में इसे बरगद के पेड़, वट वृक्ष और बढ़ के नाम से भी जाना जाता है।
लोग अक्सर पूछते है कि banyan tree meaning in hindi क्या है? देखिए, हम पहले ही बता चुके हैं कि यह एक बरगद का पेड़ है जो कई मानवीय गुणों से भरपूर है। और इस बरगद के पेड़ का उपयोग कई औषधियों के रूप में भी किया जाता है।
यह पेड़ उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक विशाल वट वृक्ष है जो भारत सहित अन्य देशों में भी पाया जाता है। लेकिन यह भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है।
इस पेड़ की गणना भारत के पूजनीय वृक्षों में की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण वृक्ष है जो भारत के सबसे बड़े वृक्षों में से एक है।
बरगद के पेड़ के बारे में जानकारी – information about banyan tree in hindi
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इस पेड़ को यहां बहुत पवित्र माना जाता है। विशेष रूप से बरगद के पेड़ की पूजा त्योहार या तीज पर की जाती है। बरगद का पेड़ बहुत बड़ा और विशाल होता है।
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बरगद के पेड़ की मोटी शाखाएं होती हैं और इन्हीं शाखाओं से इसके जटाएं जमीन तक पहुंच जाती है। यह वट वृक्ष बहुत मजबूत होता है। वट वृक्ष (बरगद का पेड़) जैसे – जैसे बूढ़ा होता जाता है, वैसे-वैसे उसका चारों ओर का दायरा बढ़ता रहता है।
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ज्यादातर आप इस पेड़ को भारत में हर जगह खासकर मंदिरों, किलों या कुओं के आसपास देख सकते हैं।
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इसके पत्ते सख्त और मोटे और अंडाकार होते हैं, इनका निचला हिस्सा थोड़ा खुरदरा और ऊपर का हिस्सा चिकना होता है। बरगद के पत्तों को तोड़ने पर दूध निकलता है।
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बरगद का पेड़ सर्दियों में खिलता है और बरसात के महीनों में फल देता है। फरवरी और मार्च के महीनों में वट वृक्ष के पत्ते गिरने लगते हैं और बाद में नए पत्ते निकलते हैं।
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बरगद के पेड़ के फायदे – Benefits of Banyan Tree in Hindi
वट वृक्ष के बहुत सारे फायदे है। इसके फायदे को देखकर ही हमने यह benefits of banyan tree in hindi का लेख लिखा है।
बरगद का पेड़ पाचन शक्ति, भारी, पित्त, बलगम, सर्दी -जुखाम, मीठा, अल्सर, वीर्य विकार, मूत्र में जलन, योनि विकार,बुखार आदि को दूर करता है। साथ ही कई शारीरिक समस्याओं को भी दूर करता है। कुछ ऐसे ही bargad ke ped ke fayde हमने नीचे बताएं है उन्हें पढ़ना न भूले।
तो चलिए जानते है बरगद के फायदे
प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करें बरगद का पेड़
कई शोधकर्ताओं ने पाया है कि बरगद के पेड़ की पत्तियों में मौजूद विशेष तत्व जैसे क्लोरोफॉर्म, हेक्सेन, ब्यूटेनॉल और पानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होते हैं।
इसीलिए कहा जा सकता है कि यह पेड़ immunity system को सुधारता है और कई रोगो से छुटकारा दिलाता है।
मधुमेह को ठीक करने में सहायक है Banyan Tree in Hindi
बरगद के पेड़ में ब्लड शुगर लेवल को कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं, जो डायबिटीज की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाती है कि इसकी जड़ का अर्क पीने से मधुमेह के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं।
योन शक्ति बढ़ाने में वट वृक्ष का प्रयोग
बरगद के पेड़ का प्रयोग योन शक्ति बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही यह कई बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।
लगभग 50 ग्राम बरगद का ताजे कोमल और नरम पत्ते लें। इन्हें लेकर 250 मिलीलीटर पानी में तब तक पकाएं जब तक कि एक चौथाई पानी न रह जाए।
इसके बाद इस पानी को छानकर आधा किलो दूध में डाल दें। अब लगभग 10 ग्राम ईसबगोल की भूसी और उसमें 10 ग्राम शकर मिलाकर पी लें।
आलस दूर करने में फायदेमंद है बरगद के पेड़ का दूध
अगर आप बहुत आलसी हैं और किसी भी काम को करने से बहुत जल्दी थक जाते हैं या किसी काम को करने का मन नहीं करता है तो वट वृक्ष के तत्व आपके लिए आपके आलस्य को दूर कर देंगे।
हरे बरगद के सूखे पत्तों का चूर्ण बना लें। और फिर उस पाउडर को लगभग एक लीटर पानी में मिला लें। फिर इस पानी में थोड़ा सा नमक मिलाएं। अब इस मिश्रण का सेवन सुबह और शाम करें।
यह बेहद असरदार उपाय आपको जरूर अपनाना चाहिए।
दांतों और मसूड़ों के लिए वट वृक्ष के फायदे
बरगद के पेड़ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (एंटी-इंफ्लेमेटरी) और एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण यह दांतों की सड़न और मसूड़ों की सूजन की समस्या को कम करने में मददगार है।
इस वट वृक्ष के सभी भाग जैसे – जड़, तना, पत्तियां, फल और छाल औषधियों के रूप में उपयोग किए जाते है।
इसकी जड़ को चबाकर या पेस्ट के रूप में इस्तेमाल करके दांतों की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
बरगद के पेड़ के फायदे बवासीर के इलाज के लिए
देखिए, बहुत से लोग जानते हैं कि बरगद का पेड़ बवासीर जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में भी मददगार होता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि बरगद के पेड़ की पत्तियों से निकाले गए दूध में एल्ब्यूमिन, सेरीन, शुगर और मैलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं, जो बवासीर जैसी समस्या से निजात दिलाने में पूरी तरह से कारगर हैं।
इसलिए हम कह सकते हैं कि बरगद के पत्तों से निकलने वाला दूध हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
नाईट फॉल को रोकने के लिए बरगद के पेड़ के फायदे
जिन लोगों को शारीरिक कमजोरी होती है उन्हें इस नाइट फॉल का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे लोगों का वीर्य जल्दी निकल जाता है और वीर्य भी पतला होता है। जिन लोगों को यह समस्या है वे बरगद के दूध का उपयोग कर सकते हैं और इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।
वे लोग जो स्वप्नदोष की बीमारी से पीड़ित हैं, और उनका शरीर भी सुस्त, बेजान और मृत हो गया है। वे बताशे पर रोजाना 8-10 बरगद के दूध की बुँदे डालकर खा सकतें है।
रोजाना 5-6 बताशे खाएं, यह प्रयोग लगातार 15 दिन से लेकर 60 दिन तक किया जा सकता है। अगर जल्द ही फायदा मिले तो प्रयोग बंद कर दें। हालांकि, इससे कोई खतरा नहीं है।
कमर दर्द में उपयोगी है वट वृक्ष के फायदे
अगर आपको उठते या बैठते समय या किसी वस्तु को उठाते समय पीठ में दर्द होता है। या फिर आपको किसी भी तरह की दिल की बीमारी है तो उसके लिए ये उपाय करें।
बरगद के पेड़ के कुछ कोमल लाल पत्ते लें। और उन्हें थोड़े से पानी के साथ उबाल लें। और फिर इसमें थोड़ी सी मिश्री मिला दें।
अब इस घोल में कुछ बूंदे बरगद के दूध की डालें और इसमें थोड़ी चीनी भी मिलाएं। अगर आपने मिश्री मिला ली है तो चीनी न डालें। अब आपको इसका सेवन सुबह और शाम भोजन से पहले करना है।
इससे आपके दिल से जुड़ी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। और अगर आप बरगद के दूध में अलसी का तेल मिलाकर अपने जोड़ों पर लगाएं या कमर पर मालिश करें तो इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
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बरगद के दूध के फायदे और नुकसान
बरगद के पेड़ के सभी तत्व विभिन्न रोगों में उपयोगी होते हैं। इस पेड़ के सभी भाग जैसे छाल, तना, फल और पत्तियां यहां तक कि दूध भी बहुत उपयोगी होता है। ये तत्व औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और बहुत से रोगो को दूर करने में मदद करते है।
Bargad के दूध का प्रयोग करने से आपके शरीर की यौन दुर्बलता समाप्त हो जाती है और वीर्य विकार तथा निद्रा विकार में बहुत लाभ होता है।
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बरगद के दूध का प्रयोग कैसे करें?
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यौन शक्ति बढ़ाने के लिए 5-7 बताशे लें।
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बताशे पर 5 से 6 बूंद बरगद के दूध की डाल लें। और इसे खाएं।
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इस तरह आप रोजाना 5 से 7 बटाशे खा सकते हैं।
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बरगद के दूध और बताशे के इस प्रयोग से आपकी यौन शक्ति 4 गुना अधिक बढ़ जाती है।
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बरगद के पेड़ के नुकसान – Side Effects of Banyan Tree in Hindi
देखें, bargad ke ped ke nuksan का अभी तक पता नहीं चला है और न ही इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण है कि जिसे पता चल जाएँ की bargad ke nuksan है।
लेकिन विशेषज्ञों द्वारा इसकी संतुलित मात्रा लेने की सलाह दी जाती है। हमने नीचे कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है, बरगद के दूध का सेवन करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।
तो चलिए अब जानते है बरगद के पेड़ के दूध के नुकसान – bargad ke dudh ke side effects
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अगर आप किसी भी तरह की दवा का नियमित रूप से सेवन कर रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलहा लें, क्योंकि हम नहीं चाहते की आपको इसके साइड्स इफेक्ट्स देखने को मिलें।
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अगर आपको बरगद की जड़, छाल, पत्ते और दूध से कोई एलर्जी है, तो इसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
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Banyan tree in Hindi के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
बरगद का दूध खाने से क्या होता है?
बरगद का दूध बताशे के अंदर डालकर खाने से यौन शक्ति बढ़ती है। साथ ही बरगद का दूध नाईट फॉल को रोकने का एक कारगर तरीका है। इसके साथ ही कई शोधों से पता चला है कि बरगद का दूध वात, पित्त और कफ जैसे रोगों को भी दूर करता है। साथ ही इससे होने वाली परेशानियों से भी निजात दिलाता है।
बड़ के पेड़ की उम्र कितनी होती है?
बरगद का पेड़ भारत का एक बहुत बड़ा पेड़ है। इस पेड़ को राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा भी दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि बड़े पेड़ की उम्र 500 से 1000 साल होती है। लेकिन अभी तक इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया है। इसलिए यह कहना मुश्किल है की इसकी उम्र कितनी है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी उम्र 500 साल है। इसलिए इसे हिंदू धर्म में पूजनीय वृक्षों में गिना जाता है।
बड़ के पेड़ का क्या महत्व है?
बड़ का पेड़ हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। इसे हिंदू धर्म में पूजनीय वृक्षों में गिना जाता है। कहा जाता है कि इसके जटाओं में विष्णु, ब्रह्मा और शिव का वास होता है। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या को बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस वृक्ष को सृष्टि का प्रतीक भी माना जाता है, इसलिए लोग इस वृक्ष के प्रति श्रद्धा रखते हैं।
बरगद के पेड़ पर किसका वास होता है?
जैसा कि हमने पहले बताया, बरगद के पेड़ में विष्णु, ब्रह्मा और शिव निवास करते हैं। जो निरंतर रूप से संसार को चालते है। कहा जाता है कि बरगद के पेड़ की उम्र 500 से 1000 साल होती है। लेकिन इस मामले में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।
बरगद का दूध कितने दिन खाना चाहिए?
Banyan tree के दूध का इस्तेमाल अब रोजाना कर सकतें है। इसके लिए आप बताशे पर 5 से 6 बूंद बरगद के दूध की डाल लें। और इसे खाएं। इस तरह आप रोजाना 5 से 7 बटाशे खा सकते हैं। यह उपाय आपको लगातार 5 से 6 दिन तक करना है। इसके साथ ही आप बरगद के पेड़ की पत्तियों को पीसकर छान लें, मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें, यह बहुत फायदेमंद होता है।
बरगद का पेड़ पवित्र क्यों है?
बरगद के पेड़ को हिंदू धर्म में सबसे सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय माना जाता है। कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में विष्णु, ब्रह्मा और शिव का वास होता है। इसलिए इस पेड़ को पवित्र माना जाता है। साथ ही बरगद के पेड़ की उम्र सिर्फ 500 से 1000 साल की होती है। इसलिए लोग पीढ़ी डर पीढ़ी वृक्ष को देखता है और पवित्र मानते है।
निष्कर्ष – Conclusion
बरगद का फल, तना और छाल, यहां तक कि दूध भी बहुत उपयोगी होता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। तो एक बार इसका सेवन करके इसका लाभ उठाएं।
आशा करता हूँ की अब आप about banyan tree in hindi language जान गए होंगे। अगर आप इसके फायदों को सही से लाभ उठाना चाहते है तो एक बार हमारे लेख पर नजर डालें।
अगर आपको banyan tree information in hindi के लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं।
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