symptoms of chicken pox in hindi:- चिकनपॉक्स या चेचक एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, छोटे बच्चों में यह समस्या होना आम बात है। यह समस्या 4 से 7 वर्ष की आयु के बच्चों में अधिक होती है, चेचक को चिकनपॉक्स या छोटी माता के रूप में जाना जाता है।
चेचक के शरीर में फैलने का केवल एक ही मुख्य कारण होता है, वह है सूक्ष्म विषाणु Varicella zoster, यह रोग आमतौर से महावारी के रूप में फैलता है। चेचक एक विशेष प्रकार के माइक्रो-वायरस के कारण शरीर में फैलता है।
जिसे एक खास तरह के माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है, इस खतरनाक और जहरीले माइक्रो वायरस का नाम Varicella zoster है। चेचक एक सूक्ष्म वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है और यह खांसने, छींकने, बोलने और सांस लेने से भी फैलती है।
जिन लोगों को यह बीमारी लंबे समय से है, वे chickenpox treatment in hindi पद्धति से इलाज करने पर ज्यादा प्रभावशाली महसूस करते है|
कहा जाता है कि chechak bimari से बचने का कोई ठोस उपाय नहीं है। न ही इसका कोई कारगर इलाज है। लेकिन यह भी पूरी तरह सच नहीं है।
हालांकि कुछ लोग इस संक्रमण chicken pox disease in hindi से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह आजीवन बना रहता है। ऐसा क्यों होता है, आपको नीचे पढ़ने को मिलेगा।
इस पोस्ट में आपको चेचक क्या है? चेचक के लक्षण, चेचक के कारण और इसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी, तो अंत तक हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
तो चलिए सबसे पहले जान लेते है चेचक क्या चीज है – chechak kya hai in hindi
चेचक बीमारी क्या है?- what is chicken pox in hindi
यह एक ऐसी बीमारी है जिससे शरीर में दाने निकल आते हैं। यह चेचक बिमारी दो प्रकार की होती है, जिन्हें छोटी माता और बड़ी माता कहा जाता है।
यह संक्रामक Varicella zoster नामक वायरस से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इस रोग में इन चकत्तों के कारण रोगी को दर्द, खुजली, बुखार और कमजोरी हो जाती है।
chechak बीमारी एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जो बहुत आसानी से एक रोगी से दूसरे रोगी में फैल सकता है। इसलिए जब भी किसी को यह chechak bimari हो जाए तो chechak ka gharelu ilaj करके रोग पर नियंत्रण प्राप्त करें।
चेचक क्यों होता है? – chicken pox in hindi language
यह एक विषाणु से होने वाली गंभीर बीमारी है। इस रोग में विषाणु blood vessels मुंह और गले में असर दिखाती है। यह बीमारी केवल मनुष्यों में ही होती है। यही कारण है कि इस बीमारी का इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है।
इस बीमारी के लिए दो प्रकार के विषाणु उत्तरदायी होते है। वे विषाणु इस प्रकार है।
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वायरोला मेजर
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वायरोला माइनर
चेचक वायरस कैसे फैलता है? – How is chicken pox spread
- आमतौर पर यह संक्रमण खांसी, जुकाम, सर्दी, फ्लू आदि से फैलता है।
- इस संक्रमण के दौरान फंगल के फफोले सीधे फैल जाते हैं। ऐसे में यह किसी के छूने या संपर्क में आने से एक दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है।
- इसका मुख्य कारण यह भी है कि यह मरीज द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तु से वायरस फैला सकता है।
चेचक होने के लक्षण – chicken pox symptoms in hindi
आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के लक्षण 12 से 14 दिनों के बाद सामने आते हैं। फिर कुछ समय बाद इसके लक्षण शुरू होते हैं, इसके निम्न लक्षण होते हैं, वह लक्षण इस प्रकार हैं।
तो चलिए जानते है चेचक के होने के लक्षण – chechak hone ke lakshan in hindi
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इस बीमारी में भूख न लगना और त्वचा में सूजन, आंखों का लाल रंग और आंखों में जलन जैसी समस्याएं होती हैं।
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शरीर का रंग भी बदल जाता है और बाद में रोगी को बहुत तेज ठंड लगने के साथ-साथ बुखार भी हो जाता है।
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बुखार के साथ-साथ आपको दर्द और बेचैनी महसूस होती है।
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कुछ दिनों के बाद मुंह, गले और छाती पर दाने निकल आते हैं और कुछ समय बाद यह पूरे शरीर में फैल जाते है।
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आंख, नाक, जीभ, इन जगहों पर बहुत सारे मुंहासे निकल आते हैं और काले धब्बे और फुंसी भी हो जाती हैं। 48 घंटे के भीतर उनमें मवाद आ जाता है और इस समय रोगी को सबसे अधिक पीड़ा होती है।
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लगभग 11 दिनों के बाद ये दाने फूट जाते हैं और दानों में खुरचन आना शुरू हो जाती है।
चेचक से बचाव के उपाय – tips for prevent small chickenpox in hindi
जैसे-जैसे यह रोग शरीर में बढ़ता है, वैसे-वैसे शरीर का तापमान भी बढ़ता जाता है। चेचक (छोटी माता) के कारण खांसी, निमोनिया जैसे कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। चेचक कई प्रकार के होते हैं जैसे छोटी चेचक और बड़ी चेचक, जिसे हम छोटी माता और बड़ी माता कहते है। इस बीमारी से शरीर पर कई गुना अधिक छाले बन जाते हैं।
और कभी-कभी ये बहुत कम मात्रा होते हैं फिर जैसे-जैसे समय बढ़ता है वैसे-वैसे इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होती है।
तो चलिए अब जानते है chicken pox से बचाव के उपाय -small chicken pox in hindi
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जिस व्यक्ति को चेचक हुआ हो उसका बिस्तर नरम और कोमल होना चाहिए।
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इस रोग के दौरान साफ और मोटे कपड़े पहनने चाहिए और हवा से बचना चाहिए।
- छोटे बच्चों को मरीज के पास नहीं आने देना चाहिए, क्योंकि यह सक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।
- जिस कमरे में मरीज रहता है उसके कोनों पर नीम के पत्ते रखें।
और पढ़ें:- फंगल इन्फेक्शन क्या है? इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय – Fungal Infection Treatment In Hindi
चेचक का घरेलू इलाज – chickenpox home treatment in hindi
chicken पॉक्स की तीन अवस्थाएं होती है और यह अवस्थाएं 5 दिन के भीतर बदलती रहती हैं। अगर आप चेचक की किसी भी अवस्था में है तो जल्द से जल्द इसका इलाज करवाएं या करें।
इस संक्रमण का इलाज बहुत आसान है। चेचक के रोग से बचने के लिए या चेचक के रोग को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं।
हमने नीचे चेचक से बचने के कुछ घरेलू उपाय साझा करें है, उन्हें पढ़ना न भूले।
तो चलिए जानते है चेचक का घरेलु इलाज – chechak ka gharelu ilaj in hindi
तुलसी के पत्ते और अजवाइन से चेचक का घरेलू उपचार – Home remedies of smallpox in Hindi
अजवाइन को तुलसी के पत्तों के रस के साथ पीस लें, फिर इस मिश्रण को चेचक के चकत्तों पर लगाएं, आप देखेंगे कि कुछ दिनों बाद शरीर के अंदर का संक्रमण बाहर आ गया है।
अगर यह संक्रमण यानी chicken pox प्रारंभिक स्थिति में है तो तब 1 ग्राम केसर को बारीक पीसकर उसमे बीज रहित मुनक्का में भरकर खिलाने से चेचक शीघ्र ही निकल जाता है।
नीम के प्रयोग से चेचक का इलाज – chechak ka ilaj in hindi neem
पानी के साथ नीम के पत्तों को पीसकर प्रभावित हिस्से पर रखो। नीम के पत्तों को पानी में उबालें और स्नान में इस पानी का उपयोग करें।
यह घरेलु नुस्खा चिकेनपॉक्स के फैलने की भावनाओं को कम करता है और दर्द से रहत दिलाता है।
गेंदे के फूल से करें चेचक का इलाज – Treat smallpox with marigold flowers
सात-आठ गेंदे के फूल लें और पांच-छह विच हेज़ल के पत्तों को रात भर के लिए पानी में भिगो दें, फिर सुबह उन्हें पानी से निकाल कर उनका पेस्ट बना लें।
फिर इस मिश्रण को चकत्तों पर लगाएं, ध्यान रखें कि दो घंटे तक लगा रहने दें और बाद में साफ पानी से इसे धो लें।
इस प्रक्रिया से आपको काफी लाभ मिलेगा। इसके अलावा, गेंदे के फूलों में रोगाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं जो संक्रमण के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
शहद से चेचक का घरेलू इलाज – chechak ka gharelu ilaj with honey
शहद के अंदर पाए जाने वाले Anti-biotic गुण शरीर में मौजूद किसी भी संक्रमण को दूर करने में मदद करते है। इसके लिए आपको प्रभावित भाग पर शहद लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें।
इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं।
बेकिंग सोडा से चेचक का इलाज – smallpox Treatment with Baking Soda in Hindi
बेकिंग सोडा के अंदर पाए जाने वाले antibacterial गुण चेचक संक्रमण को दूर करने में मदद करते है। यह इलाज चेचक के घाव को भरकर संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए पानी में आधे चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं, एक साफ और सूती कपड़े को इस मिश्रण में भिगोकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
Vitamin E के कैप्सूल है चेचक में फायदेमंद – Vitamin E capsules are beneficial in chicken pox
दो विटामिन ई कैप्सूल लें, कैप्सूल के अंदर का तरल निकाल लें और इस तरल को चेचक के दानो पर लगाएं।
दरअसल, विटामिन-ई कैप्सूल त्वचा के लिए काफी हद तक मददगार होते हैं। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और घावों और खरोंचों को दूर करने में मदद करता है।
इस मिश्रण से करें स्मॉलपॉक्स का इलाज – Treatment of Smallpox in Hindi
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मुलेठी, गिलोय, मीठे अनार का छिलका और मुनक्का इन सबको पीसकर, इन में गुड मिलाकर खाने से वायु का प्रकोप नहीं फैलता है।
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पीपल के पेड़ की छाल, सिरस के पेड़ की छाल और गूलर के पेड़ की छाल को पीसकर गाय के दूध से बने घी में मिलाकर चेचक के दानों पर लगाने से चेचक में होने वाली गर्मी और जलन एवं खुजली दूर हो जाती है।
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यदि चेचक के दानों से बहुत ज्यादा पानी बह रहा हो तो या जलन हो रही हो तो पीपल के पेड़ की छाल, बरगद के पेड़ की छाल, गूलर के पेड़ की छाल और मोलसरी के पेड़ की छाल को आपस में पीसकर चेचक के दानों में लगाने से बहुत फायदा मिलेगा।
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त्वरित आराम प्राप्त करने के लिए, आप करेले पत्तियों के रस में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से शरीर के भीतर के चेचक रोग दूर हो जाते है।
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उपचार के बाद भी, चेचक के दाग शरीर पर रह जाते है, उन्हें हटाने के लिए आप हरी मटर के दानों को उबालकर इसके बचे पानी को चेचक के दाने पर लगाने से दाग दूर हो जाते है।
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यदि जायदा खुजली हो रही तो एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलकर दिन में दो बार पीने से खुजली ख़त्म हो जाती है।
छोटी चेचक (छोटी माता)और बड़ी चेचक (बड़ी माता) में अंतर – difference between chickenpox and smallpox in hindi
देखिए, यह एक ऐसे बीमारी है जो संक्रमण से फैलती है और इस संक्रमण में शरीर पर दाने निकल आते है। चाहे छोटी चेचक या बड़ी चेचक (छोटी माता या बड़ी माता) दोनों में ही शरीर पर दाने निकलते है।
फर्क बस इतना है की छोटी चेचक (छोटी माता) के दाने छोटे होते हैं और बड़ी चेचक (बड़ी माता) के दाने बड़े होते हैं।
चेचक का टीकाकरण – chechak ka tika in hindi
आज के समय में यह बीमारी (छोटी माता) बहुत ही कम देखने को मिलती है। और लोगो का अक्सर यह सवाल रहता है कि chechak ka tika kab lagta hai, देखें भारत सरकार द्वारा यह चिकन पॉक्स का टीका (chechak ka tika) शिशु को 3-6 माह की अवस्था में दिया जाता है।
जिससे शुरुआती निर्धारण से बीमारी नहीं फैलती है।
चेचक बीमारी के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Chicken Pox treatment in Hindi
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मरीज को किसी भी प्रकार का तेल युक्त या घी से बना खाना नहीं देना चाहिए।
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रोगी को इस रोग के दौरान साफ एवं मोटा कपड़े पहनना चाहिए।
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यह संक्रमण छूने से फैलता है इसलिए रोगी को दूर रहना चाहिए।
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छोटे बच्चों को रोगी के पास नहीं जाने देना चाहिए, जिस कमरे में रोगी रहता हो उस कमरे में जगह-जगह पर नीम के पत्ते रख दें।
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रोगी के कपड़ा व इत्यादि जिसे वह डेली यूज़ में इस्तेमाल करता हो, साफ-सुथरे होने चाहिए।
और पढ़ें :- दाद खाज खुजली को ठीक करने के घरेलू इलाज – Dad Khaj Khujali Ke Gharelu Upay In Hindi
निष्कर्ष (Conclusion)
चेचक का इलाज बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, चिकन पॉक्स का इलाज कराते समय कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। शरीर में चिकनपॉक्स होने के अर्थात चेचक होने के कई कारण होते हैं और इसके कुछ प्रमुख लक्षण भी होते हैं। लेकिन इन लक्षणों को पहले से ज्ञात नहीं किया जा सकता है।
chicken pox होने के दौरान शरीर में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं, जो कि फफोलों की तरह होते हैं और इन में साफ तरह का तरल पदार्थ भरा होता है, क्योंकि इस रोग के कोई भी पूर्व सूचक विशेष लक्षण नहीं होते हैं। इस रोग में केवल 24 घंटे के लिए हल्का सा बुखार आता है और बुखार के साथ शरीर पर छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं।
फिर 3 दिन बाद यह दाने दूधिया रंगत लेने लगते हैं। इन 3 दिनों तक यह अपने आकार को बदलते रहते हैं, जब तक इन चेचक के दानों में चेचक का तरल पदार्थ भरा रहता है तब तक बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है, क्योंकि इसी तरल पदार्थ में रोग के विषाणु मौजूद रहते हैं।
आशा करता हूँ की अब आप chechak ka ilaj kya hai जान गए होंगे। अगर यह chechak ki bimari किसी को हो जाये तो उसे हमारे बताएं गए इलाज पर ध्यान देना चाहिए
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चेचक से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :-
क्या चेचक खतरनाक है?
जी बिल्कुल समय पर इलाज न मिलने की वजह से यह खतरनाक साबित हो सकता है।
चेचक की बीमारी को ठीक होने में कितना समय लगता हैं?
इस बीमारी का इलाज करते समय आपको धैर्य और सहनशीलता से काम लेना चाहिए। क्योंकि चेचक एक वायरस के कारण होता है और इसे ठीक होने में कुछ समय जरूर लगता है। आमतौर पर इस बीमारी से उबरने में 7 से 10 दिन का समय लगता है।
बच्चे को चेचक का टीका कब लगाया जाता है?
12वें से 15वें महीने में बच्चों को चेचक का टीका लगाया जाता है।
क्या चेचक जीवन में एक से अधिक बार हो सकता है?
जी हाँ, जीवन में एक से अधिक बार चेचक हो सकता है।
क्या चेचक में नहाना चाहिए?
चेचक के शुरूआती दिनों में दिन में 3 से 4 बार गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।
माता आने पर क्या करना चाहिए?
नीम के पत्तों को पानी के साथ पीसकर प्रभावित जगह पर लगाएं। नीम के पत्तों को पानी में उबाल लें और इस पानी को नहाने में इस्तेमाल करें। चिकन पॉक्स का यह घरेलू उपाय इसे फैलने से रोकता है और दर्द से राहत दिलाता है।
चेचक के दाग कैसे ठीक होगा?
चंदन और जैतून के तेल के इस्तेमाल से चेचक के दाग आसानी से हटाए जा सकते हैं। इस नुस्खे को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए चंदन के पाउडर को जैतून के तेल में मिलाएं, फिर इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।
रोजाना इसका इस्तेमाल करने से आप आसानी से chechak ke daag को दूर कर सकते हैं।
चिकन पॉक्स होने पर क्या खाना चाहिए?
चेचक के रोगियों को अपने आहार में तरल युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए। उदाहरण के लिए तरबूज, गाजर, नाशपाती, कीवी आदि का जूस बनाकर पीना चाहिए।
इसके अलावा रोगी को केला, चावल, सेब आदि भरपूर मात्रा में दे सकते हैं।
चिकन पॉक्स को माता क्यों कहते हैं?
चिकन पॉक्स को माता इसीलिए कहा जाता है कि इसे शीतला माता के नाम से जोड़ा जाता है। उनका कहना है कि चिकन पॉक्स होने पर यह शीतला माता और मां दुर्गा का रूप है।
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