Fungal Infection in Hindi :- फंगल इन्फेक्शन भारत में त्वचा से जुड़ी एक तेजी से फैलने वाली बीमारी है। हालांकि अभी तक इस बीमारी का कोई पुख्ता कारण पता नहीं चल पाया है कि यह क्यों और किस वजह से फैलती है। जिन लोगों को यह बीमारी लंबे समय से है, वे fungal infection treatment in hindi पद्धति से इलाज करने पर ज्यादा प्रभावशाली (Effective) महसूस करते है|
कहा जाता है कि फंगल इन्फेक्शन (fungal in hindi) से बचने का कोई उपाय नहीं है। न ही इसका कोई स्थाई इलाज है। लेकिन यह भी पूरी तरह सच नहीं है।
हालांकि कुछ लोग इस त्वचा फंगल संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह आजीवन बना रहता है। ऐसा क्यों होता है, आपको नीचे पढ़ने को मिलेगा।
इस पोस्ट में आपको फंगल इंफेक्शन क्या है? फंगल इन्फेक्शन के लक्षण, फंगल इन्फेक्शन के कारण और इसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी, तो अंत तक हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप फंगल इन्फेक्शन का इलाज बहुत ही आसानी से कर पाएंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि फंगल इंफेक्शन की समस्या क्या है।
बहुत कम लोगों को इसकी सही जानकारी होती है, वह छोटी मोटी दाद, खाज खुजली को ही इन्फेक्शन समझ लेते हैं और अपने मन से ही कुछ भी मनघडंत (Un Useful) इलाज करने में लग जाते हैं।
इसलिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि फंगल इंफेक्शन क्या होता है, इसी के आधार पर हम इससे जुड़ी जानकारियों को विस्तार से बता पाएंगे।
तो चलिए सबसे पहले जानते है फंगल इन्फेक्शन क्या है हिंदी – fungal infection kya hota hai
फंगल इन्फेक्शन क्या है? – What is Fungal Infection in Hindi
फंगल इंफेक्शन किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। इस प्रकार के संक्रमण 4 प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में आगे लेख में बताया है।
शरीर पर हल्के गुलाबी (Pink) रंग के लालिमा लिए हुए छोटे बड़े गोल चकत्ते (Ringworm) हो जाते हैं। यह पेट के कुछ हिस्सों के अलावा आपके गले, गर्दन, पीठ, हाथ, पैर या जांघों के बीच में भी हो सकतें है।
शरीर के जिन हिस्सों में यह फंगस फैलता है, वहां मरीजों को मीठी खुजली महसूस करवाता है। शरीर के ऐसे हिस्सों में तेज खुजली चलती रहती है।
इस वजह से मरीज वहां बार-बार खुजलाता है और बहुत बेचैनी महसूस करता है। ये सभी फंगल इंफेक्शन के लक्षण हैं।
कभी-कभी तो यह और भी शर्मनाक हो जाता है जब किसी सार्वजनिक स्थान पर आपको सभी लोगों के बीच खुजलाना पड़ता है। ज्यादातर युवाओं में यह नाभि के नीचे के क्षेत्र में होता है।
यह फंगल संक्रमण तब और भी खतरनाक हो जाता है जब यह शरीर में बहुत ज्यादा फैल जाए। शरीर के जिस हिस्से में फंगल इंफेक्शन होता है, वह हिस्सा संक्रमित होने के साथ-साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है।
इस वजह से यह बेहद खतरनाक हो सकता है। यह फंगल संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैल सकता है। अगर समय रहते इसका सही इलाज नहीं किया गया तो इसके परिणाम बहुत ही दर्दनाक और घातक हो सकते हैं।
फंगल इंफेक्शन कितने प्रकार का होता है? – Types of Fungal Infections in Hindi
फंगल इन्फेक्शन के चार प्रकार होते है। हमारे शरीर की त्वचा, सभी प्रकार के वायरल संक्रमण और जीवाणु संक्रमण से रक्षा करती है। Skin Fungal Infection में रोगी की त्वचा पर सफेद परत (पपड़ी) जम जाती है। इसमें मीठी-मीठी खुजली होती है।
यह संक्रमण चार प्रकार का होता है, ये इस प्रकार हैं।
- एथलीट फूट फंगल इंफेक्शन
- रिंगवर्म फंगल इंफेक्शन
- एक्जिमा फंगल इंफेक्शन
- यीस्ट या खमीर संक्रमण फंगल इंफेक्शन
स्किन फंगल इंफेक्शन संक्रमण से होता है। जैसे रोगाणुओं, जीवाणु, वायरस, बैक्टीरिया, और फंगल के संक्रमण आदि।
अगर इसका समय रहते इलाज न कराया गया तो यह आपके लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है।
अगर इनके लक्षणों को जानते हुए भी आप इसका सही समय पर इलाज नहीं करवाते है तो यह फंगल इन्फेक्शन काफी गंभीर स्थिति में भी पहुंच जाता है। इसलिए अगर स्किन फंगल इन्फेक्शन के लक्षण देखें, तो तुरंत ही इलाज करें या फिर नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं।
एथलीट फुट फंगल इंफेक्शन (Athlete’s Foot Fungal Infection)
पैरो में फंगल संक्रमण हो जाने की वजह से इसे एथलीट फुट इन्फेक्शन (Athlete’s Foot Infection) कहते है। है फंगल इंफेक्शन ज्यादातर पैरो की उंगलियों में देखने को मिलता है।
अक्सर ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनके पैरों में ज्यादा पसीना आता है या फिर अपने साइज के छोटे जूते पहनते हैं, उन्हें यह संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है।
इस संक्रमण में त्वचा पर दाने निकल आते हैं और त्वचा में खुजली, जलन, कुछ चुभन आदि महसूस होते हैं।
रिंगवर्म फंगल इंफेक्शन (Ringworm Fungal Infection)
रिंगवर्म या दाद के लक्षण की पहचान इस तरह से की जा सकती है की आपकी त्वचा पर लाल दाने हो जाएं या उस जगह की त्वचा मोटी दिखने लगे।
फंगल इन्फेक्शन ज्यादातर आपके जननांगों में यानी कि आपकी जांगों में होता है।
इसके अलावा यह जहां पसीना ज्यादा आता है या जहां कपड़ा आपके शरीर पर ज्यादा रगड़ता है।
रिंगवर्म या दाद आपके शरीर में किसी भी स्थान पर हो सकती है।
एक्जिमा फंगल इंफेक्शन (Eczema Fungal Infection)
एक्जिमा इंफेक्शन के कारण आपकी त्वचा पर लाल चकत्ते तो नहीं पड़ते, लेकिन उस जगह पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं और यह अधिक दर्दनाक है। इसमें काफी खुजली होती है।
Eczema दाद, खाज, खुजली जैसी बीमारी है। एक्जिमा संक्रमण आमतौर पर केवल सर्दियों में होता है और यह गर्मियों में अपने आप ठीक भी हो जाता है।
एक प्रकार के एक्जिमा में आपकी त्वचा से सूखी भूसी जैसी पपड़ी निकलने लगती है। जिसमे खुजली भी होती रहती है।
दूसरे प्रकार की एग्जिमा में आपकी त्वचा से पीला मवाद निकलने लगता है।
कुछ लोगों में सिर में एक्जिमा का संक्रमण भी हो जाता है, सिर में होने के कारण इसे स्कैल्प एक्जिमा भी कहते हैं, इसमें रोगी के उस स्थान पर बाल गिरने लगते हैं।
यीस्ट या खमीर संक्रमण फंगल इंफेक्शन (Yeast Fungal Infection)
फंगल संक्रमण नमी में बढ़ता है, और फंगल संक्रमण से प्रभावित त्वचा आमतौर पर बरसात के मौसम में और गर्मी के मौसम में और आर्द्र दिनों में या नम वातावरण में फैलने की अधिक संभावना होती है।
और इन्हीं खास वजहों से ज्यादातर लोग इन मौसमों में फंगल इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। लोगों में फंगल इंफेक्शन ज्यादातर उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के कारण होता है।
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण यह रोग किसी भी इंसान में हो सकता है। क्योंकि ऐसे में मरीज की त्वचा में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कभी कभी यह किसी प्रकार की दवा के साइड इफेक्ट होने से भी आपकी त्वचा में फंगल इंफेक्शन रोग हो सकता है।
फंगल इन्फेक्शन के लक्षण क्या है? – fungal infection symptoms in hindi
देखिए, अगर आप fungal infection ke lakshan in hindi में जान जाएँ तो आप इससे होने वाली गंभीर बिमारियों से बच सकतें है। इसलिए हमने नीचे कुछ fungal infection ke lakshan kya hai विस्तार से बताएं है, उन्हें पढ़ना न भूले।
तो चलिए जानते है फंगल इन्फेक्शन के लक्षण इन हिंदी:-
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शरीर पर लाल-लाल गोलाकार के छोटे बड़े चकत्ते हो जाते हैं।
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ये गुलाबी लालीमा लिए हुए, चमड़ी पर उठे हुए दिखाई देते हैं।
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कभी कभी शरीर की त्वचा में से पपड़ी निकलने लगती है।
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संक्रमण (Infection) वाली जगह लाल रेशेज़ हो जाते हैं वहां हल्की या तेज़ मीठी खुजली (Itching) चलती है।
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इस दौरान खांसी और बुखार भी हो सकता है।
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छाती और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
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पेशाब (Urine Discharge) करने में जलन महसूस हो सकती है।
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फंगल इन्फेक्शन के कारण – causes of fungal infection in hindi
फंगल इंफेक्शन एक तरह का पर्यावरण संबंधित रोग है। इसके वाहक मिट्टी हवा और पर्यावरण में मौजूद कवक हैं। फंगल संक्रमण का कारण विशेष रूप से नम वातावरण, गर्म या ठंडा वातावरण है।
यह संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों और त्वचा को प्रभावित करता है। और फंगल संक्रमण का कारण बनता है। इसलिए इसे गंभीरता से लें।
चलिए जानते है फंगल इन्फेक्शन के क्या कारण है – fungal infection ke karan
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यह खासकर उन लोगों के साथ होता है जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
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शरीर का ज्यादा वजनी होना या अधिक मोटापे से ग्रस्त लोगों में यह अधिक पाया जाता है।
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यह उन लोगों को भी हो सकता है जो फंगल इंफेक्शन से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं।
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जिन लोगों को अधिक पसीना आता है उनमें फफूंदी के कारण भी फंगस हो सकता है।
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अधिक नमक और गर्म वातावरण में रहने से भी फंगल के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
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यह लंबे समय तक पानी में भीगने या गीले कपड़े पहनने के कारण भी हो सकता है।
और पढ़ें :- चेचक के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज – Home Remedies For Chicken Pox In Hindi
फंगल इन्फेक्शन का घरेलू इलाज – fungal infection ka ilaj in hindi
Skin fungal infection treatment in hindi : फंगल इन्फेक्शन का इलाज घरेलू नुस्खों (Home Remedies) के द्वारा भी बहुत आसानी से किया जा सकता है।
बस आपको हमारे दिए हुए नुस्खों को ध्यान में रखकर ही इस संक्रमण का इलाज करना है।
तो चलिए जानते है फंगल इन्फेक्शन के घरेलू उपाय – fungal infection ke gharelu upay
लहसुन से फंगल इन्फेक्शन का इलाज – ayurvedic treatment for fungal infection of skin in hindi
इस संक्रमण का इलाज लहसुन से किया जा सकता है। क्योंकि लहसुन में एंटीफंगल तत्व मौजूद होते हैं। अगर रोजाना खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाए तो शरीर में फंगल इंफेक्शन का खतरा काफी कम हो जाता है।
दूसरा तरीका यह भी है कि लहसुन की 5-6 कलियों को पीसकर पेस्ट जैसा बना लें। इसे संक्रमण से प्रभावित जगह पर लगाएं।
लहसुन का पेस्ट लगाने से आपको उस जगह पर कुछ सेकंड के लिए जलन महसूस हो सकती है। लेकिन यह एक कारगर उपाय है, और इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
दही से फंगल इन्फेक्शन का इलाज – fungal infection on skin treatment in hindi
दही में लैक्टोबैसिलस के जीवाणु होते हैं और इसमें एसिड भी पाया जाता है। जो शरीर में मौजूद हानिकारक फंगस और बैक्टीरिया को खत्म करता है।
Dahi में पाए जाने वाले बैक्टीरिया हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये फंगल के बैक्टीरिया को खत्म करने में कारगर साबित होते हैं।
इसके लिए संक्रमित क्षेत्र को पानी से अच्छी तरह साफ कर लें। अब इस जगह पर रूई की मदद से हल्के हाथ से दही लगाएं और उस जगह पर रूई से धीरे से मसाज करें।
त्वचा पर किसी भी तरह के संक्रमण को खत्म करने के लिए यह बेहद सस्ता घरेलू और कारगर उपाय साबित होता है। इसे संक्रमण यीस्ट इन्फेक्शन ट्रीटमेंट प्रोसेस कहते हैं।
एलोवेरा से करें फंगल इन्फेक्शन का घरेलू इलाज – aloe vera se fungal infection ka ilaj
एलोवेरा से फंगल इंफेक्शन का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। इसके लिए अगर आपको एलोवेरा की ताजी पत्तियां मिलें तो ये बहुत ही अच्छी होती हैं।
नहीं तो आप बाजार जाकर एलो वेरा जेल लाकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको फंगल इंफेक्शन वाली जगह पर एलोवेरा जेल लगाना है।
इसे करीब 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद उस जगह को गर्म गुनगुने पानी से धो लें और सूखे तौलिये की मदद से साफ कर लें।
अगर आपके घर में एलोवेरा का पौधा मौजूद है तो उसे तोड़कर प्रभावित जगह पर सीधे डंठल की मदद से लगाएं।
हल्दी से करें फंगल इन्फेक्शन का उपचार – fungal infection treatment ayurvedic in hindi
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली हल्दी में भी एंटिफंगल तत्व मौजूद होते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा के संक्रमण को भी ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए आप कच्ची हल्दी का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। हल्दी को पीसकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे रूई की मदद से त्वचा के संक्रमण वाली जगह पर लगाएं।
इसके इस्तेमाल से फंगल इंफेक्शन के कारण हुए काले धब्बे भी दूर हो जाते हैं। यह पूरी तरह से प्राकृतिक उपचार है, इससे किसी तरह के साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता है।
सिरके से फंगल इन्फेक्शन का घरेलू उपचार – use vinegar for fungal infection in hindi
अगर त्वचा में फंगल इंफेक्शन हो गया है तो पानी और सिरके को बराबर मात्रा में लेकर उसमें अपने पैरों को करीब 10 मिनट तक डुबोकर रखें।
फिर पैरो में जिस जगह पर आपको फंगल इंफेक्शन हो रहा हो उसे साफ करने के बाद उस जगह को रूई की मदद से साफ करें और बराबर मात्रा में पानी और सिरके को मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं।
करीब 20 मिनट बाद उस जगह को साफ कर लें और हो सके तो थोड़ी देर बाद उस जगह पर एंटी फंगल क्रीम लगाएं। ध्यान रहे कि इसमें आपको सेब के सिरके का इस्तेमाल करना है।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव कैसे करें – fungal infection se kaise bache
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इसका ठीक से इलाज करने के लिए प्रभावित क्षेत्र को नियमित रूप से साफ करते रहें।
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फंगल इंफेक्शन के एरिया को जितना हो सके सूखा रखें।
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उस जगह पर टैल्कम पाउडर लगाना न भूलें, अक्सर देखा जाता है कि घरों में ऐसी बीमारियों में टैल्कम पाउडर लगाया जाता है।
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अपनी त्वचा को नमी, पसीने और गर्म वातावरण से बचाएं।
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टाइट कपड़े, जैसे नाइलॉन, टाइट जींस, पॉलिएस्टर से बने कपड़े आदि पहनने से बचें।
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जांघों के बीच या नाभि के नीचे संक्रमण होने पर अंडरगारमेंट्स न पहनें।
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त्वचा में फंगल इंफेक्शन होने पर साबुन से नहाना पूरी तरह से बंद कर दें। साबुन कैसा भी हो, वो आपको नुक्सान ही पहुंचाएगा।
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इसके लिए आप मुल्तानी मिटटी से नहाएं या बेसन का इस्तेमाल करें।
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इससे आपकी त्वचा भी खूबसूरत बनी रहेगी और यह किसी भी महंगे साबुन से काफी बेहतर है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आशा करता हूँ की अब आप fungal infection home remedy in hindi के इस्तेमाल से फंगल इन्फेक्शन जैसी कई समस्याओं से छुटकारा पा सकें होंगे। अगर आपको fungal infection skin treatment in hindi के लेख से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं।
अगर आपको हमारी यह fungal infection ka ayurvedic ilaj in hindi का लेख पसदं आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
Fungal इंफेक्शन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?
फंगल इंफेक्शन को हिंदी में क्या बोलते हैं?
Fungal इंफेक्शन को हिंदी भाषा में फफुंदीय संक्रमण बोलते है।
फंगल इन्फेक्शन को कैसे ठीक करें?
Fungal इंफेक्शन को ठीक करने के लिए आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकतें है। इसके लिए आपको एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाना है। इसे करीब 20 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद उस जगह को गर्म ‘गुनगुने’ पानी से धो लें।
फंगल इंफेक्शन कितने प्रकार के होते हैं?
फंगल इंफेक्शन के चार प्रकार होतें है।
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एथलीट फूट फंगल इंफेक्शन
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रिंगवर्म फंगल इंफेक्शन
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एक्जिमा फंगल इंफेक्शन
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यीस्ट या खमीर संक्रमण फंगल इंफेक्शन
दाद और फंगल इन्फेक्शन में क्या अंतर है?
अत्यधिक पसीना आना, कपड़ों को रगड़ने से दाद, खाज और खुजली हो सकती है। और फंगल इंफेक्शन किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से होता है।
इस स्थिति में शरीर पर गुलाबी लाल रंग के साथ छोटे, बड़े गोल दाने निकल आते हैं।
फंगल इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए इन हिंदी?
अगर आपको फंगल इंफेक्शन है तो आपको बासी खाना खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा चीनी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
फंगल इंफेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए आपको लहसुन, अजवायन का तेल, कद्दू के बीज और प्याज का सेवन करना चाहिए।
फंगल इंफेक्शन में कौन सा साबुन यूज करें?
यदि आपको फंगल इंफेक्शन है, तो आपको एंटीबैक्टीरियल साबुन का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि एंटीबैक्टीरियल साबुन दाद, खाज और खुजली को रोकता है और सूक्ष्म कीटाणुओं को मारता है।आप एक्टेरिल नामक साबुन का उपयोग कर सकते हैं।
अगर किसी की स्किन ऑयली है तो उसे बैक्टीरियल सोप का इस्तेमाल करना चाहिए।
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