Babool Tree in Hindi
बबूल का पेड़ जिसे कीकर के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ लोगो के दैनिक जीवन में भी इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग इससे दांत साफ करते हैं तो कई लोग इसकी लकड़ी से अच्छा कोयला तैयार करते हैं।
आप सब यह जानते है, लेकिन क्या आप यह जानते है की Babool Tree रोगो के इलाज के लिए मददगार है। इसके औषधीय गुण रोगो के इलाज के लिए फायदेमंद साबित होते है।
आयुर्वेद के अनुसार यह बताया गया है कि यदि आप इसका बीमारियों में सही ढंग से इस्तेमाल करते हैं तो यह निश्चित ही बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
तो आइये जानते है कीकर के बारे में (Babool Tree in Hindi)
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Toggleबबूल ट्री के बारे में (About Babool Tree in Hindi)
बबूल का पेड़ जिसे आम भाषा में कीकर के नाम से जाना जाता है। यह माना जाता है कि जिस भी जगह इस पेड़ का निवास होता है वह जगह शुभ हो जाती है। क्योंकि यह कहा जाता है कि Babool Tree के निवास स्थान में भगवान विष्णु का निवास होता है।
बबूल के पेड़ की पत्तियां छोटी होती है इसकी टहनियों में काटे लगे होते है और साथ ही इसमें पीले रंग के गोलाकार गुच्छे के रूप में फूल होते है। ठण्ड के मौसम में इसमें फलिया आ जाती है जो देखने में २-३ फलियों का समूह होती है।
बबूल का पेड़ निःसंदेह ही बिमारियों से लड़ने में मदद करता है इसकी औषधीय गुण रोगो के उपचार के लिए फायदेमंद है। इसकी हरी टहनी दातुन के प्रयोग में लाई जाती है। यह दातों को साफ-स्वच्छ रखने में कारगर होता है।
बबूल के पत्ते (Acacia leaf)
बबूल के पेड़ की पत्तियां बहुत ही छोटी होती है इसकी पत्तियां लगभ 4 से 20 mm तक लम्बी हो सकती है और साथ ही इसकी पत्तियां 4-6 पत्तियों के समूह से मिलकर बनती है। बबूल के पेड़ की पत्तियां हरे गहरे रंग के पंख जैसी दिखाई देती है।
बबूल के फूल (Acacia flower)
बबूल के पेड़ के फूल पीले और सुनहरे रंग के गोलाकार गुच्छे के रूप में होते हैं। इसके हर एक पीले और सुनहरे फूल में अपेक्षाकृत अगोचर पंखुड़ियों (Relatively imperceptible petals) होती है जो देखने पर अत्यधिक सुंदर लगती है। इसके हर एक गुच्छे में 30 से 50 फूल होते है।
बबूल के फल (Acacia fruit)
बबूल के फल एक लंबी फली वाले बीज होते है जिनकी उचाई 6 cm से लेकर 25 cm तक और चौड़ाई 4 mm से लकर 15 mm तक होती है। बबूल की फलिया छोटी व मुलायम होती है जो कि ढकी होती है।
बबूल के फल परिपक्व होने पर भूरे रंग में बदल जाते है।
बबूल के पेड़ के फायदे (Benefits of Acacia tree in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार कहा गया है कि बबूल के औषधि गुण किसी भी बीमारी को ठीक करने में सहायक है। अगर आप बीमारी में बबूल का सही ढंग से प्रयोग करते हैं तो निःसंदेह ही यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
इसी को देखते हुए आइए जानते हैं बबूल के लाभ (Benefits of Babool tree in Hindi)
- खांसी के इलाज के लिए बबूल
- बबूल के उपयोग से दस्त का उपचार
- दांतों के लिए फायदेमंद है बबूल का उपयोग
- घाव को ठीक करने में सहायक है बबूल
- बबूल बालो के गिरने या झड़ने में लाभकारी
- त्वचा के उपचार के लिए फायदेमंद है बबूल
- कमर दर्द में फायदेमंद
- बबूल से कंजक्टिवाइटिस का इलाज
- एक्जिमा के इलाज में उपयोगी है बबूल
- पेट की समस्या में फायदेमंद है बबूल
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1. खांसी के इलाज के लिए बबूल
बबूल खांसी (Cough) को ठीक करने के लिए कारगर है। इसमें पाएं जाने वाले औषधि गुण खांसी को ठीक कर सकते है। इसके लिए बबूल के पत्ते (acacia leaf) और तने की छाल (stem bark) का एक चूर्ण बनाएं।
1 या 2 ग्राम बबूल के चूर्ण में शहद को मिलाकर इसका सेवन करने से खांसी (Cough) को ठीक किया जा सकता है।
2. बबूल के उपयोग से दस्त का उपचार
बबूल के द्वारा दस्त (Diarrhea) जैसे बिमारियों को भी ठीक किया जा सकता है। क्योंकि बबूल के पेड़ के विभिन भाग के औषधि गुण (Medicinal properties) दस्त के इलाज में उपयोगी माने जाता है।
इसके लिए बबूल के पेड़ की कोमल पत्तियां और काले जीरे के मिश्रण के साथ इसे रोजमर्रा में 12 ग्राम की मात्रा में लिया जा सकता है।
यह दस्त के इलाज के लिए एक प्रभावी तरीका है।
3. दांतों के लिए फायदेमंद है बबूल का उपयोग
आप सब यह जानते है कि दांतो को साफ करने के लिए प्राकृतिक और सबसे अच्छा तरीका नीम के पेड़ की टहनी से दातुन करना है लेकिन क्या आप यह जानते है की बबूल की टहनी से दातुन करना हमारे दांतो के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।
नहीं, तो आप बबूल के पेड़ की कोमल टहनियों से दातून करके देखिये, आपको पता चल जायेगा।
इसके साथ ही बबूल से बनाया हुआ मंजन भी दांतो को साफ करने और रोगो से दूर रखने में सहायक है।
बबूल की लकड़ी का कोयला और 24 ग्राम फिटकरी (Alum) और 12 ग्राम सेंधा नमक (Rock salt) लेकर मिला लें। (मिक्स करें)
इस मिक्स करें हुए मिश्रण को मंजन की भांति दांतो पर लगाएं।
4. घाव को ठीक करने में सहायक है बबूल
बबूल के पत्ते और छाल से घाव को भरा या ठीक किया जा सकता है क्योंकि, बबूल के पत्ते और छाल में ब्लीडिंग और इन्फेक्शन को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। जोकि किसी भी चोट, घाव,ब्लीडिंग और इन्फेक्शन को ठीक कर सकता है।
इसके लिए बबूल की पत्तियों को पीसकर घाव पर लगाने से चोटे ठीक की जा सकती है।
5. बालो के गिरने या झड़ने में लाभकारी
बबूल के पत्तो का इस्तेमाल बालों के गिरने या झड़ने में किया जा सकता है हमें यह जानकारी है कि बबूल के पत्ते बालों के स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं। क्या आपको यह पता है नहीं,
तो आप हमारे द्वारा पता कर सकते है। बबूल की पत्तियों का एक पेस्ट बनाकर इसे सर में लगाने से बालों के गिरने या झड़ने से राहत पा सकते है।
ध्यान रखें के पेस्ट को लगाने के 30 मिनट बाद ही सर को गुनगने पानी सी धोएं।
6. त्वचा के उपचार के लिए फायदेमंद है बबूल
बबूल के पत्ते और छाल खुजली और ड्राईनेस से छुटकारा पाने के लिए मददगार है। सर्दियों के समय ड्राई स्किन हो जाती है जो कि एक बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बबूल के पत्ते और छाल उपयोग में लाई जाती है।
बबूल की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे ड्राई स्किन या खुजली वाली जगह पर लगाकर इससे राहत पा सकते हैं। बबूल की पत्तियों के अंदर ऐसे गुण होते है जो खुजली और ड्राई स्किन को ठीक करने में सहायक है।
इसके आलावा नहाते समय बबूल की पत्तियां को पानी में डालकर इससे स्नान कर सकते है।
7. कमर दर्द में फायदेमंद (Beneficial in back pain)
आज के समय में बहुत से बुजुर्गों को बैक पैन यानी कमर दर्द की शिकायत रहती है। वे इस समस्या से बहुत परेशान हैं, इसके लिए वे कई दवाइयां खाते हैं या इसका इलाज कराते हैं, लेकिन वे इस समस्या से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं हैं।
ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि इस समस्या से छुटकारा नहीं पाया जा सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे आसान तरीका बबूल है।
बबूल कमर दर्द से राहत दिलाने में कारगर है। इसके लिए बबूल की छाल, फली और गोंद को एक ही मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसे 1 चम्मच की मात्रा में 3 बार लेकर कमर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
8. बबूल से कंजक्टिवाइटिस का इलाज
कंजक्टिवाइटिस का मतलब होता है आँख आना।
आँख आने से तात्पर्य है कि आपने देखा होगा जब किसी की आंख आ जाती है यानि उसकी आँखे लाल हो जाती है उसकी आँखों में दर्द होना शुरू हो जाता या उसकी आंखों के सामने लालिमा छा जाती है तो उसे कंजक्टिवाइटिस का नाम दिया जाता है।
कंजक्टिवाइटिस से छुटकारा पाने के लिए बबूल की पत्तियां काम में लाई जाती है। बबूल की पत्तियों का एक पोस्ट बनाकर उसे रात को सोते समय आंखों पर लगाकर और ऊपर से एक पट्टी बांधकर सो जाएं। फिर सुबह इसे साफ पानी के साथ धों ले। कुछ दिनों बाद आप देखेंगे की इस समस्या से आप राहत पा चुके है।
9. एक्जिमा के इलाज में उपयोगी है बबूल
एक्जिमा के इलाज के लिए बबूल के पेड़ की छाल और आम की छाल प्रभावी होती है। यह तरीका आजमाया हुआ है। इससे एक्जिमा जैसी बीमारियां दूर हो जाती है।
इसके लिए 25 ग्राम बबूल के पेड़ की छाल और आम की छाल को लेकर 1 लीटर पानी के साथ उबाले और इससे निकलने वाली भाप के साथ सेंके जैसा की फोमेंटेशन में किया जाता है। इसे ओर प्रभावी बनाने के लिए घी के साथ प्रभावित भाग में मालिस करें।
10. पेट की समस्या में फायदेमंद है बबूल
बबूल पेट के रोगो से भी छुटकारा पाने में मदद करता है। बबूल में पाएं जाने वाले औषधीय गुण पेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कारगर है।
इसके लिए बबूल के पेड़ की छाल का एक गाढ़ा काढ़ा बना लें। इस काढ़े को २ ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ पिएं। ऐसा करने से पेट की समस्या दूर होती है।
दूसरा काढ़ा :-
एक काढ़ा तैयार करके लस्सी के साथ पीने से पेट की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
बबूल के पेड़ के नुकसान (Side Effect of Acacia tree in Hindi)
बबूल के पेड़ का इस्तेमाल कब्ज के दौरान बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि, कब्ज के समय बबूल का सेवन करने से यह हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
तो ध्यान में रखें की कब्ज में बबूल का सेवन न करें।
हालांकि बबूल के पेड़ की गोंद हमारे लिए फायदेमंद है, लेकिन किसी भी दुर्लभ मामले में यह हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इससे हमारे पूरे शरीर में एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है, जिससे त्वचा और सांस से संबंधित हानिकारक बीमारियां हो सकती हैं।
बबूल का अत्यधिक सेवन करने से हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह हमारे लिए गुर्दे और लिवर की बीमारियों को जन्म दे सकता है। ध्यान रखें की इसको एक लिमिट के अंदर ही पिया जाएँ।
बबूल से बनाये हुए काढ़ा, चूर्ण, गोंद का इस्तेमाल कैसे करें ?
- बबूल का इस्तेमाल करने के लिए एक काढ़ा तैयार करें। हमने ऊपर काढ़ा तैयार करने के लिए Recipe बताई हुई है उसे फॉलो करें। इस काढ़े को लगभग 50 से 100 ML की मात्रा में लें।
बबूल का इस्तेमाल करने के लिए एक चूर्ण बनाये। इस चूर्ण को 2 से 5 ग्राम की मात्रा में लें।
बबूल का इस्तेमाल करने के लिए इसकी गोंद से फायदे उठायें। बबूल पेड़ की गोंद को लगभग 3 से 6 ग्राम तक इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
बबूल के द्वारा हमें बहुत से लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यह लाभ हमे तभी प्राप्त होंगे जब हम इसका एक नियमानुसार पालन करें और लिमिट में इसका इस्तेमाल करें।
आर्युवेद के अनुसार बताया गया है कि इसका सही ढंग से इस्तेमाल किए जाने पर यह हमारे लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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