मानव शरीर में प्रत्येक अंग महत्वपूर्ण होता है। यहां तक कि शरीर के अंदर होने वाली क्रियाएं भी महत्वपूर्ण होती है। हार्मोन्स उसी क्रिया में से एक है । हार्मोंस शरीर में बनने वाला एक प्रकार का केमिकल होता है । यह हार्मोंस रक्त के माध्यम से अंगों और उतकों तक पहुंचते हैं । यह शरीर के अंदर धीरे-धीरे कार्य करते हैं । और कई प्रक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। हार्मोन्स शरीर के बढ़ने मेटाब्लिज्म , यौन , गतिविधिया प्रजनन और मूड आदि क्रियाओं में अहम भूमिका निभाते है । यह बेहद ही कम मात्रा में हमारे शरीर में अधिक प्रभाव डालते हैं ।
हार्मोन्स क्या होते हैं
हमारे शरीर में हार्मोंस का संतुलन रहना बेहद जरूरी है। उनके शरीर में बहुत ही कम मात्रा में कई कोशिकाओं को प्रभावित करता है । जब हारमोंस अपनी निर्धारित मात्रा से रक्त पर पहुंचते हैं । तो शरीर के अंदर विकास वृद्धि को प्रभावित करते हैं ।
हार्मोंस कितने प्रकार के होते हैं
मानव शरीर में हार्मोंस कई प्रकार के होते हैं जो अलग-अलग गतिविधियां करते हैं ।
ग्रोथ हार्मोंस
ग्रोथ हार्मोंस का निर्माण पीयूष ग्रंथि द्वारा होता है । यह पीयूष ग्रंथि हमारे मस्तिष्क पर स्थित होती है । यह माशपेशियों को बढ़ाने , प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मददगार होती है । इतना ही नहीं ग्रोथ हार्मोंस शरीर में कोशिकाओं के पुर्ननिर्माण और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । साथ ही शरीर की सामान्य सरंचना को बनाए रखने में सबसे ज्यादा योगदान होता है ।
थाइराक्सिन
इसस हार्मोंस का स्राव थायराइड ग्रंथि द्वारा किया जाता है यह एक अंत स्रावी ग्रंथि है । जो गर्दन में श्वास नली के ऊपर होती है । यह हार्मोंस शरीर में हड्डियों और मस्तिष्क के विकास में मदद करती है ।
इंसुलिस
इंसुलिस हार्मोंस का स्त्राव अग्नाशय द्वारा किया जाता है। जो पेट में होता है । यह इंसुलिस हार्मोंस कार्बोहाइड्रेड को ब्लड शुगर में परिवर्तित करती है । और इंसुलिन रक्त शर्करा को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है । इससे शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है ।
कार्टिसोल
यह एक स्ट्रेस हार्मोंस है । जिसका निर्माण एचिनल ग्रंथि द्वारा किया जाता है । यह ग्रंथि मानव शरीर में किडनी के ऊपर होती है । कार्टिसोल हमें स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखती है। इसकी मुख्य भूमिका स्ट्रेस को कंट्रोल करना होता है ।साथ ही त्नानवपूर्ण स्थित में कार्टिसोल हमारे शरीर में स्त्राव करती है ।
टेस्टास्टारोंन
यह एक पुरुष सेक्स हार्मोंस है । यह शरीर की मशपेशियों के निर्माण में मदद करता है । और पुरुष प्रजनन टिशू विकास और यौन शक्ति को बढ़ाने में मददगार है । यदि यह हार्मोन पुरुषो में कम होने लगता है तो पुरुष कमज़ोर होने लगते है और उनमें चिड़चिड़ापन आने लगता है ।
एस्ट्रोजेन
यह हार्मोंस सिर्फ महिलाओं में होता है । इस हार्मोन से महिलाओं में प्रजनन , मासिक धर्म, यौन विकास , एवम मोनोपेज के लिए महत्वपूर्ण है ।
हार्मोंस की कमी के क्या कारण होते है
मानव शरीर में हार्मोंस की एक अहम भूमिका होती है । पुरुष और महिलाओं में हार्मोंस अलग अलग भूमिका अदा करते है । कुछ ऐसे हार्मोंस होते है जो पुरुषों में होते है लेकिन महिलाओं में नही होते । जबकि कुछ ऐसे भी हार्मोन होते है जो महिलाओं में होते है पुरुषों में नही । सामान्य तौर पर हार्मोन की कमी के कारण दोनो ही लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
ये है प्रमुख कारण
- अकारण वजन बढ़ना, पेट की चर्बी बढ़ना
- हर समय थकान महसूस करना
- नींद ना आना, रात में सोते समय उठ जाना
- गैस , कब्ज, बदहजमी होना ,
- तनाव , चिंता और चिड़चिड़ापन होना ,
- पसीना आना , सेक्स की इच्छा ना होना
- बालों का झड़ना, दाढ़ी घनी आना ,
- ठंड लगना, तेज गर्मी लगना, अधिक प्यास लगना
हार्मोंस की कमी पर क्या खाना चाहिए, क्या नहीं
हार्मोंस की कमी होना एक गंभीर बीमारी जैसी प्रक्रिया है । जिससे शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते है । कई बार हार्मोन की कमी हो जाती है । लेकिन उसे पूरा करने के लिए हमें क्या खाना चाहिए क्या नहीं इसकी जानकारी नही होती है। ऐसे व्यक्ति जिनको हार्मोन की कमी है । उनके लिए हम बता रहे है कि इसकी कमी पूरी करने के लिए क्या खाएं ।
चाय, कॉफी,चॉकलेट कोलड्रिंक आदि के सेवन से एड्रेनल ग्रंथि ज्यादा सक्रिय हो जाती है । जिससे हार्मोन का स्राव होने लगता है । जंक फूड या ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमे कैलोरी की मात्रा अधिक हो ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए । हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए पोषक आहार लें , हरे पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, विटामिन और मिनरल से भरे पदार्थो का सेवन करना चाहिए । आहार में ताजे फल, गाजर, पत्तागोभी, ब्रोकली , ओट्स, दही का इस्तेमाल करें । साथ ही सूरजमुखी के बीज, अंडे , चिकन खाने में शामिल करें । याद रखें पानी पीते रहे।कुछ समय बाद देखेंगे आपका हार्मोन संतुलन हो जाएगा ।
क्या हैं हार्मोंस कमी के लक्षण
महिलाओं में हार्मोंस की कमी के लक्षण इस प्रकार दिखते है ।
- योनि में सूखापन
- ब्रेस्ट टेंडरनेस , ब्रेस्ट में दर्द
- पेट में बदहजमी
- मासिक धर्म के दौरान दर्द होना,गर्भाशय से खून बहना
- आवाज भरी होना, सीने में दर्द होना, पीठ में बाल उगना
- बांझपन, सोते समय पसीना आना
पुरुषो में हार्मोंस के लक्षण
सेक्स ड्राइव कम होना, सेक्स की इच्छा प्रकट ना होना
मशपेशियो की सघनत्ता कम होना ,शरीर में बाल कम उगना,
सीने के ऊतक अधिक बढ़ जाना , सीने में दर्द होना , त्वचा में रूखापन आना, जोड़ों में दर्द होना, शरीर अकड़ना, बार बार पेशाब आना , त्वचा पर हल्के बैंगनी रंग का स्ट्रेच मार्क्स बनना ।
हार्मोंस की कमी का बचाव कैसे कर
मानव शरीर में कभी-कभी कुछ ऐसा रोग उत्पन्न हो जाते हैं जिनका बचाव करना मुश्किल होता है । लेकिन हार्मोंस की कमी होने पर इसका बचाव किया जा सकता है । जैसे
व्यायाम और योग करना
प्राकृतिक रूप से हार्मोंस की कमी को पूरा करने के लिए व्यायाम और योग करना बहुत महत्वपूर्ण है ।
मीठा कम खाना
अधिक मात्रा में चीनी का सेवन, या फिर किसी मीठे खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचना होगा ।
पर्याप्त नींद लेना
रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत जरूरी है । तनाव , चिंता, डिप्रेशन आदि से भी बचाव किया जा सकता है ।
केमिकल पदार्थो से दूरी बनाए
बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त पदार्थ हार्मोन पर गलत प्रभाव डालते है । इसलिए ऐसी चीजों से बचना चाहिए।
महिलाओ में हार्मोंस की कमी से कौन सा रोग होता है?
महिलाओ में हार्मोंस की कमी से पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम ,कार्डिक एरिथिमिया, थ्रोंबोसाइटोंपेनिया जैसे रोग होते है ।
महिलाओं में हार्मोंस बढ़ने पर क्या होता है?
महिलाओ में हार्मोंस की कमी से बांझपन, थकान, पसीना आना, सिर दर्द होना , यह सब हार्मोंस बढ़ने से होता है।
हार्मोन्स की कमी से कौन सा रोग होता है?
हार्मोन्स की कमी से पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम रोग होता है ।
हार्मोस बढाने की दवा कौन सी है?
हार्मोंस बढाने की दवा टेस्टोस्टेरोन अंडेकेनेट 400mg कैप्सूल है।
महिलाओ में हार्मोंस बढाने की दवा कौन सी है?
महिलाओ में हार्मोन बढाने की दवा बायो रिजर्ज सिरप है ।